. वाचस्पति त्रिपाठी / डी डी इण्डिया न्यूज
मऊ । कलेक्ट्रेट सभागार, मऊ में जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल की अध्यक्षता में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जिला स्तरीय कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक के दौरान अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, श्रवण कुमार त्रिपाठी ने वित्तीय र्वा 2021-22 में दिनांक 30 नवम्बर 2021 तक विभाग द्वारा कृत कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत करते हुये बताया कि, उक्त अवधि में विभाग द्वारा कुल 224 छापे मारते हुये संदिग्ध पाये गये विभिन्न खाद्य पदार्थो के 244 नमूने जांच हेतु संग्रहित किये गये तथा लगभग 200 क्विंटल खाद्य सामग्रियों को प्रथम दृटया मिथ्याछाप पाये जाने के कारण नियमानुसार जब्त किया गया है। उक्त अवधि में प्रयोगााला से 148 जांच रिर्पोट प्राप्त हुई, जिसमें 93 नमूनें अधोमानक/मिथ्याछाप पाये गये एवं 08 नमूने असुरक्षित घोषित किये गये हैं। प्राप्त जांच रिपोर्टों के आधार पर आलोच्य अवधि में मानक के अनुरूप नहीं पाये गये नमूनों से सम्बन्धित 145 खाद्य कारोबारकर्ताओं के विरूद्ध अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) के न्यायालय में तथा 15 खाद्य कारोबारकर्ताओं के विरूद्ध न्यायिक न्यायालय में परिवाद पत्र पंजीकृत कराया गया है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) के न्यायालय द्वारा विचाराधीन 98 वादों को निर्णित किया गया है, जिसमें सम्बन्धित विक्रेताओं को दोषि पाते हुये उन पर कुल रू0 2163000 का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। खाद्य पदार्थ दूध पर कृत कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत करते हुये अभिहित अधिकारी द्वारा बताया गया कि उक्त अवधि में दूध के 53 जांच हेतु संग्रहित कर खाद्य प्रयोगााला को प्रेषित किये गये थे। 34 जांच रिपोर्ट प्राप्त हैं जिनमें 21 नमूने मानक के अनुरूप नहीं पाये गये हैं। उक्त अवधि में जनपद से संग्रहित दूध का कोई भी नमूना जांच में असुरक्षित नहीं पाया गया है। औषधि अनुभाग द्वारा कृत कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत करते हुये औषधि निरीक्षक अरविन्द कुमार द्वारा बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक विभिन्न औषधियों कुल 46 नमूने संग्रहित कर जांच हेतु प्रयोगााला को भेजे गये हैं। 40 जांच रिपोर्टे प्राप्त हैं, जिसमें 02 नमूने मानक के अनुरूप नहीं पाये गये हैं। इस दौरान अधोमानक पाये गये नमूनों के सापेक्ष न्यायिक न्यायालय में कुल 11 पंजीकृत कराये गये हैं।औषधि निरीक्षक द्वारा उक्त अवधि में मात्र 44 औषधि विक्रय प्रतिठानों का निरीक्षण करने पर असंतोष व्यक्त करते हुये, जिलाधिकारी महोदय द्वारा उन्हें निर्देशित किया गया कि जनपद में स्थित औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों का अधिक से अधिक निरीक्षण कराया जाना सुनिचित किया जाय तथा प्रतिष्ठानों पर बिक्रय की जा रही संदिग्ध औषधियों विक्रेता पैरासिटामाल, एमाक्सिसिलिन इत्यादि के अधिक से अधिक नमूने नियमानुसार संग्रहित करते हुये अधोमानक पाये जाने पर उनके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाय। खाद्य अनुभाग द्वारा की गयी प्रवर्तन कार्यवाही पर भी जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते हुये खाद्य विभाग को निर्देशित किया कि अभिसूचना आधारित प्रवर्तन कार्यवाही निरन्तर कराया जाना सुनिचित किया जाय, जिससे जनपद में कहीं भी मिलावटी खाद्य पदार्थोें का विक्रय न होने पाये। यह जन स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ विषय है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं है। जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित नगर पालिका, मऊ व समस्त नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि खुले में बिक रही खाद्य सामग्रियों के सेवन से लोगों को तरह-तरह की बिमारियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नगर निकाय भी अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुये खुल खाद्य सामाग्री बेचने वाले व्यापारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कराना सुनिचित करें एवं कृत कार्यवाही की सूचना आगामी बैठक में प्रस्तुत करना सुनिचित करें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारीगण सहित, जिला कृषि अधिकारी, उपायुक्त वाणिज्य कर, बेसिक शिक्षा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी सहित, अल-मदीना फाउण्डेशन व महिला ग्रामोद्योग सेवा सदन, स्वैच्छिक संस्थाओं के सचिव, व्यापार मण्डल के प्रतिनिधि तथा उपभोक्ता प्रतिनिधि श्रीराम जायसवाल व राकेश कुमार तिवारी इत्यादि उपस्थित रहे।