जिलाधिकारी ने अभियोजन पक्ष एवं पुलिस को आपस में समन्वय कर मामलों के यथाशीघ्र निस्तारण के दिए निर्देश
डीडी इंडिया न्यूज़ संवाददाता-धनञ्जय पाण्डेय
मऊ। जिलाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में अभियोजन शाखा की मासिक समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इस दौरान अभियोजन शाखा के सरकार के 100 दिन के कार्य योजना के अंतर्गत मामलों के निस्तारण की स्थिति पर समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने बारी-बारी गैंगेस्टर एक्ट, पास्को, एस0सी0/एस0टी0, महिला संबंधित अपराधों एवं जहरीली शराब के मामलों पर अबतक अभियोजन पक्ष द्वारा की गई कार्रवाइयों पर विस्तार से समीक्षा की। कई मामलों में गवाही न हो पाने से मामलों के निस्तारण में देरी होने की बात सामने आई। चर्चा के दौरान अभियोजन पक्ष एवं पुलिस के मध्य आपसी समन्वय में भी कमी नजर आई, जिससे कई गवाहों की उपस्थिति नही हो पाई। जिलाधिकारी ने वहां पर उपस्थित अभियोजन पक्ष एवं पुलिस पक्ष को एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए, जिसके माध्यम से अभियोजन पक्ष गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु पुलिस से संपर्क साधकर गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। उन्होंने थाना स्तर पर भी इस काम के लिए तत्परता लाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने एस0सी0/एस0टी0 के ऐसे मामलों में जिसमें बार-बार बुलाने पर भी पीड़ित/पीड़िता के कोर्ट में उपस्थित न हो,उनके खिलाफ कोर्ट द्वारा जारी वारंट को तमिला कराने एवं पक्षकार को कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए, साथ ही अभियोजन पक्ष को सुनवाई हेतु कम दिनों की डेट लेकर मामलों के यथाशीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने अभियोजन शाखा के 100 दिन की कार्ययोजना के अनुसार अधिक से अधिक मामलों के निस्तारण के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी भानु प्रताप सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, नगर मजिस्ट्रेट त्रिभुवन, उप जिलाधिकारी मधुबन, समस्त क्षेत्राधिकारी, समस्त तहसीलदार, समस्त थाना अध्यक्ष, प्रभारी जे0डी0, डी0जी0सी0, समस्त ए0डी0जी0सी0, समस्त विशेष लोक अभियोजक एवं समस्त ए0पी0ओ0 उपस्थित रहे।