ब्यूरो दैनिक इंडिया न्यूज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि मेट्रोपोलिटन बोर्ड की तर्ज पर वृहद कार्ययोजना तैयार कर लखनऊ विकास प्राधिकरण के परिक्षेत्र को विस्तार दिया जाए तथा इसे व्यवस्थित स्वरूप में विकसित किया जाए। यह बात उन्होंने आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा नामान्तरण प्रभार (म्यूटेशन चार्जेज़) नियमावली-2022, जल शुल्क नियमावली-2022 तथा अम्बार शुल्क नियमावली-2022 पर प्रस्तुतिकरण के अवलोकन के दौरान कही।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सतत-समन्वित प्रयासों से राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है। विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं। वर्तमान में 45 लाख से अधिक आबादी एल0डी0ए0 की सीमा के भीतर निवास करती है। साल-दर-साल लखनऊ का विस्तार हो रहा है, इस विकास को और अधिक नियोजित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि व्यापक जनहित के दृष्टिगत विकास प्राधिकरणों में संपत्ति के नामांतरण की प्रक्रिया का सरलीकरण जरूरी है। वर्तमान में नामांतरण प्रभार सम्बंधित परिसंपत्ति का 01 प्रतिशत देय है, इसे कम किए जाने की आवश्यकता है। वर्तमान प्रक्रिया जटिल है, तकनीक के सहयोग से इसे और व्यवहारिक बनाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आवास विभाग के अंतर्गत विकास प्राधिकरणों में विधिक उत्तराधिकार/वसीयत की स्थिति में म्यूटेशन फीस अधिकतम 5,000 रुपये तक की जाए। फ्री होल्ड अथवा गिफ्ट संपत्ति के मूल्य के आधार पर अधिकतम 10,000 रुपये का शुल्क लिया जाए। संपत्ति नामांतरण की प्रक्रिया जनहित गारंटी अधिनियम के अंतर्गत है। इसका ध्यान रखते हुए आम नागरिक के आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण किया जाना सुनिश्चित कराएं।