उ0प्र0 महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अध्यादेश-2022 को अधिसूचित किये जाने एवं तत्सम्बन्धी प्रतिस्थानी विधेयक को विधान मण्डल के आगामी सत्र में पारित कराये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन

ब्यूरो दैनिक इंडिया न्यूज

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश-2022 को अधिसूचित किये जाने एवं तत्सम्बन्धी प्रतिस्थानी विधेयक को विधान मण्डल के आगामी सत्र में पारित कराये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। उ0प्र0 महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश-2022 को अधिसूचित किये जाने के पश्चात उत्तर प्रदेश महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, लखनऊ के घटक इकाई (नोएडा) परिसर के संचालन हेतु यू0जी0सी0 से U.G.C. Recognition & Inclusion Certificate व Inspection हेतु आवेदन की प्रक्रिया विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पूर्ण की जाएगी।
उत्तर प्रदेश महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नोएडा कैम्पस (घटक इकाई) का यू0जी0सी0 द्वारा निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार संचालन हो सकेगा, जिससे संस्था में अध्ययनरत छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री दिये जाने में कठिनाई नहीं होगी। प्रस्तावित संशोधन से उत्तर प्रदेश महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय नोएडा कैम्पस (घटक इकाई) से शिक्षा ग्रहण चुके एवं अध्ययनरत छात्रों को लाभ प्राप्त होगा। इससे छात्रों को रोजगार प्राप्त करने में सुविधा होगी।
ज्ञातव्य है कि नोएडा कैम्पस के संचालन हेतु शासन से पूर्वानुमति न लेकर मात्र शासन को सूचित करने एवं कालान्तर में अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने को यू0जी0सी0 द्वारा शासन की पूर्वानुमति प्राप्त किया जाना नहीं मानते हुए नोएडा परिसर को बन्द किये जाने की अपेक्षा की गई है। यू0जी0सी0 द्वारा की गई आपत्ति के कारण संस्था में अध्ययनरत छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री दिये जाने में कठिनाई हो रही है। अतः उत्तर प्रदेश महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नोएडा कैम्पस (घटक इकाई) के संचालन की अनुमति दिनांक 09 जून, 2014 से दर्शाते हुए एम0यू0आई0 टी0, उत्तर प्रदेश एक्ट-2001 में सूक्ष्म संशोधन किया जाना है, जिससे उत्तर प्रदेश महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नोएडा कैम्पस (घटक इकाई) का यू0जी0सी0 द्वारा निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार संचालन हो सकेगा, जिससे संस्था में अध्ययनरत छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री दिये जाने मंे कठिनाई नहीं होगी।

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