उज्ज्वल भारत-उज्ज्वल भविष्य-ऊर्जा@2047’आयोजन

हरिंद्रसिंह

दैनिक इंडिया न्यूज:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां लोक भवन में ‘उज्ज्वल भारत-उज्ज्वल भविष्य-ऊर्जा/2047’ के अन्तर्गत बिजली महोत्सव एवं ऊर्जा दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। ज्ञातव्य है कि केन्द्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा देश में विभिन्न राज्यों के ऊर्जा विभाग के साथ मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री वर्चुअली जुड़े थे।
प्रधानमंत्री जी ने कार्यक्रम में विभिन्न परियोजनाओं का शुभारम्भ, लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में 03 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिजली वितरण के आधुनिकीकरण से जुुड़ी पुनरुत्थान आधारित वितरण क्षेत्र योजना तथा 05 हजार करोड़ रुपये की एन0टी0पी0सी0 की स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने नेशनल रुफटॉप सोलर पोर्टल www.solorrooftop.gov.in का शुभारम्भ भी किया।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम, 21वीं सदी के नए भारत के नए लक्ष्यों और नई सफलताओं का प्रतीक है। आजादी के इस अमृतकाल में भारत ने, अगले 25 वर्षों के विजन पर काम करना शुरू कर दिया है। अगले 25 वर्षों में भारत की प्रगति को गति देने में एनर्जी सेक्टर, पावर सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है। एनर्जी सेक्टर की मजबूती ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ के साथ ही, ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ के लिए भी अहम है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हाइड्रोजन गैस से देश की गाड़ियों से लेकर देश की रसोई तक चलें, इसको लेकर बीते वर्षों में बहुत चर्चा हुई है। आज इसके लिए भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। लद्दाख और गुजरात में ग्रीन हाइड्रोजन के दो बड़े प्रोजेक्ट्स पर आज से काम शुरु हो रहा है। लद्दाख में लग रहा प्लांट देश में गाड़ियों के लिए ग्रीन हाईड्रोजन का उत्पादन करेगा। ये देश का पहला प्रोजेक्ट होगा जो ग्रीन हाइड्रोजन आधारित ट्रांसपोर्ट के कमर्शियल इस्तेमाल को संभव बनाएगा। यानी लद्दाख देश का पहला स्थान होगा जहां बहुत ही जल्द फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन चलने शुरु होंगे। ये लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल क्षेत्र बनाने में भी मदद करेगा। देश में पहली बार, गुजरात में पाइप्ड नेचुरल गैस में ग्रीन हाइड्रोजन की ब्लेंडिंग का भी प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। इससे नेचुरल गैस के लिए विदेशी निर्भरता में कमी आएगी और जो पैसा विदेश जाता है, वो भी देश के ही काम आएगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए चार अलग-अलग दिशाओं में एक साथ काम किया गया- उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण और सबसे महत्वपूर्ण कनेक्शन। ये सभी आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा बिजली पैदा करने के लिए, पूरे देश में बिजली के प्रभावी वितरण के लिए, ट्रांसमिशन से जुड़े पुराने नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए, देश के करोड़ों घरों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए हमने पूरी शक्ति लगा दी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज सिर्फ देश के हर घर तक बिजली ही नहीं पहुंच रही, बल्कि ज्यादा से ज्यादा घंटे बिजली मिलने भी लगी है। पिछले 8 वर्षों में देश में लगभग 1 लाख 70 हज़ार मेगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता जोड़ी गई है। वन नेशन वन पावर ग्रिड आज देश की ताकत बन चुका है। पूरे देश को जोड़ने के लिए लगभग 1 लाख 70 हज़ार सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन्स बिछाई गई हैं। सौभाग्य योजना के तहत लगभग 3 करोड़ बिजली कनेक्शन देकर हम सैचुरेशन के लक्ष्य तक पहुंच रहे हैं।  
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अपनी एनर्जी सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए भारत रीन्युएबल एनर्जी पर बल दे रहा हैै। हमने आज़ादी के 75 साल पूरे होने तक 175 गीगावॉट रीन्युएबल एनर्जी की क्षमता हासिल करने का संकल्प लिया था। आज हम इस लक्ष्य के करीब पहुंच चुके हैं। अभी तक नॉन फॉसिल स्रोतों से लगभग 170 गीगावॉट कैपेसिटी इंस्टॉल की जा चुकी है। आज इंस्टॉल्ड सोलर कैपेसिटी के मामले में भारत, दुनिया के टॉप 4 या 5 देशों में है। दुनिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्लांट्स में अनेक भारत में हैं। इसी कड़ी में आज दो और बड़े सोलर प्लांट्स देश को मिले हैं। तेलंगाना और केरल में बने ये प्लांट्स देश के पहले और दूसरे नंबर के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत, बड़े सोलर प्लांट्स लगाने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा घरों में सोलर पैनल लगाने पर भी जोर दे रहा है। लोग आसानी से रूफटॉफ सोलर प्रोजेक्ट लगा पाएं, इसके लिए आज एक नेशनल पोर्टल भी शुरू किया गया है। ये घर पर ही बिजली पैदा करने और बिजली उत्पादन से कमाई, दोनों तरह से मदद करेगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सरकार का जोर बिजली का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, बिजली की बचत करने पर भी है। बिजली बचाना यानि भविष्य सजाना। पी0एम0 कुसुम योजना इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। हम किसानों को सोलर पंप की सुविधा दे रहे हैं, खेतों के किनारे सोलर पैनल लगाने में मदद कर रहे हैं। इससे अन्नदाता, ऊर्जादाता भी बन रहा है। किसान के खर्च में भी कमी आई है और उसे कमाई का एक अतिरिक्त साधन भी मिला है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि देश के तेज विकास के लिए पावर और एनर्जी सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर का मजबूत रहना बहुत जरूरी है। आज देश का नागरिक सुविधाएं चाहता है। बिजली सेक्टर की मजबूती हर किसी का संकल्प होना चाहिए, हर किसी का दायित्व होना चाहिए, हर किसी को इस कर्तव्य को निभाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में 2723.20 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 17 नग 400/200/132/33 के0वी0 पारेषण/वितरण उपकेन्द्रों का वर्चुअली लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। लोकार्पित किये गये पारेषण/वितरण उपकेन्द्रों में जनपद बागपत, बरेली, शाहजहांपुर, प्रतापगढ़, बस्ती, झांसी, फतेहपुर, अयोध्या, बलिया, संतकबीरनगर तथा चित्रकूट की 1986.80 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाएं शामिल हैं। जिन उपकेन्द्रों का शिलान्यास किया गया, उनमें जनपद सिद्धार्थनगर तथा गौतमबुद्धनगर की 736.40 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज भारत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया का नेतृत्व करता हुआ दिखाई दे रहा है। हमें इस दिशा में कदम आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री जी द्वारा आजादी के अमृतकाल के लिए ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। विगत 05 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने ऊर्जा के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगाई है। प्रदेश के 01 लाख 21 हजार से अधिक गांव और मजरे ऐसे थे, जहां आजादी के बाद कभी बिजली नहीं पहुंच पाई थी। उन गांवों एवं मजरों तक विद्युतीकरण के कार्य को राज्य सरकार ने विगत 05 वर्षों में पूरा किया है। सौभाग्य योजना के लागू होने के पहले और उसके उपरान्त 01 करोड़ 43 लाख परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य भी इस दौरान प्रदेश सरकार ने सफलतापूर्वक पूरा किया है। प्रदेश में हर घर बिजली के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा मंे एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश मंे विद्युत वितरण के भेदभाव को दूर किया गया है। पहले केवल चार जनपदों को बिजली मिलती थी। शेष 71 जनपद अंधेरे में डूबे रहते थे, लेकिन विगत 05 वर्ष से आज प्रदेश में कोई भी वी0आई0पी0 जनपद नहीं है। प्रदेश का प्रत्येक जनपद व गांव वी0आई0पी0 होगा और इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में ऊर्जा महोत्सव के कार्यक्रम से जुड़कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है। लोकतंत्र का सबसे मजबूत आधार यही होता है जब बिना भेदभाव जनता को उसकी आवश्यकता के अनुरूप शासन की सुविधाएं प्राप्त हो सकंे। पिछले 05 वर्ष के अन्दर प्रदेश में यह कार्य विद्युत विभाग के माध्यम से बखूबी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज जनपद मुख्यालयों में 23 से 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों में 20 से 22 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों 16 से 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति के लक्ष्य को प्रदेश मंे प्राप्त किया गया है। बहुत से लोगों के लिए यह कौतूहल व आश्चर्य का विषय है, लेकिन उत्तर प्रदेश ने इस कार्य को सम्भव बनाया है। अगले 05 वर्षों के लक्ष्य की प्राप्ति की चुनौती हम सबके सामने है। जो शेष मजरे हैं, वहां तक विद्युत की आपूर्ति करना, हर घर तक बिजली पहुंचाना और उनकी आवश्यकता के अनुरूप विद्युत की आपूर्ति करने की दिशा में हमें कदम बढ़ाना है। विद्युत विभाग के सामने अपनी बिलिंग क्षमता तथा कलेक्शन क्षमता को बढ़ाकर प्रदेश के अन्दर आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की चुनौती है, क्योंकि यही हमारे 25 वर्षों की आधारशिला को मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बिना विद्युत के कोई भी कार्य सम्भव नहीं है। आने वाले 25 वर्षों में हमें अपनी आवश्यकता के अनुसार विद्युत उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करना है। आगामी 25 वर्षों की विद्युत उत्पादन तथा विद्युत वितरण की हमारी कार्ययोजना होनी चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता के अनुरूप विद्युत की आपूर्ति किस रूप में सुनिश्चित की जाएगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि मानव सभ्यता के विकास में ऊर्जा दैनिक जीवन से घनिष्टता से जुड़ी है। ऊर्जा क्षेत्र की यात्रा मानव के विकास की यात्रा की सहगामी है। प्रधानमंत्री जी ने पंचामृत की कल्पना की थी, जिसमें पांच शक्तियों में एक शक्ति ऊर्जा को भी स्थान दिया था। यदि देश की अर्थव्यवस्था को गति देना है, विकास करना है, तो ऊर्जा अति आवश्यक है। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य में लगभग 1.43 करोड़ सौभाग्य योजना के कनेक्शन दिये गये, जो देश में सर्वाधिक है।
इस अवसर पर ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ0 सोमेन्द्र तोमर, विधायक श्री नीरज बोरा, श्री योगेश शुक्ला तथा श्री अमरेश कुमार, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री अवनीश कुमार अवस्थी, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष श्री एम0 देवराज अन्य वरिष्ठ अधिकारी सहित प्रशिक्षु इंजीनियर उपस्थित थे। प्रदेश के सभी जनपद कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े थे।
ज्ञातव्य है कि जिन उपकेन्द्रों का आज लोकार्पण किया गया है, उनमें 220 के0वी0 उपकेन्द्र निरपुड़ा बागपत, 132 के0वी0 उपकेन्द्र मीरगंज जनपद बरेली, 220 के0वी0 उपकेन्द्र अजीजपुर जनपद शाहजहांपुर, 132 के0वी0 उपकेन्द्र बिलोचपुरा जनपद बागपत, 132 के0वी0 उपकेन्द्र मान्धाता जनपद प्रतापगढ़, 400 के0वी0 उपकेन्द्र भौखरी जनपद बस्ती, 220 के0वी0 उपकेन्द्र बबीना जनपद झांसी, 220 के0वी0 उपकेन्द्र मलवां जनपद फतेहपुर, 220 के0वी0 उपकेन्द्र अयोध्या, जनपद अयोध्या, 400 के0वी0 उपकेन्द्र रसड़ा जनपद बलिया, 220 के0वी0 उपकेन्द्र दुल्हीपार जनपद संतकबीरनगर तथा 33/11 के0वी0 उपकेन्द्र कैलहा जनपद चित्रकूट शामिल हैं। जिन उपकेन्द्रों का शिलान्यास किया गया है, उनमें 132 के0वी0 उपकेन्द्र शोहरतगढ़ जनपद सिद्धार्थनगर तथा जनपद गौतमबुद्धनगर के 220 के0वी0 उपकेन्द्र जलपुरा, 220 के0वी0 उपकेन्द्र नॉलेज पार्क-5, 132 के0वी0 उपकेन्द्र ईकोटेक-08 तथा 132 के0वी0 उपकेन्द्र ईकोटेक-10 शामिल हैं।

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