उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लोक भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर गांधी जी का प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए’ तथा रामधुन ‘रघुपति राघव राजा राम’ प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम में राज्यपाल जी एवं मुख्यमंत्री जी ने पूर्व दशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत पात्र नवीनीकरण के 1,51,215 छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में 177.35 करोड़ रुपए का आॅनलाइन अन्तरण करते हुए छात्रवृत्ति वितरण कार्य का शुभारम्भ किया। उन्होंने 10 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रमाण पत्र का वितरण भी किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयन्ती है। इस वर्ष देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत महोत्सव का यह वर्ष जन-जन की चेतना में स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष की महान गाथा, महापुरुषों की स्मृतियां एवं उनकी मूल प्रेरणाओं से जोड़ने का अवसर है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को सत्य और अहिंसा के सिद्धान्त के जनक के रूप में आज भी याद किया जाता है। उनके विचारों ने दुनिया भर के लोगों को न सिर्फ प्रेरित किया, बल्कि करुणा, सहिष्णुता और शांति के दृष्टिकोण से भारत और विश्व को बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश सरकार का संकल्प है कि गरीब परिवार का कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। इसके लिए प्रतिवर्ष गरीब परिवारों के लगभग 51 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में प्रधानमंत्री जी की सोच के अनुरूप नये भारत का नया उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश की आजादी के आन्दोलन के दो महान योद्धाओं तथा आजादी के बाद देश को दिशा देने वाले दो महापुरुषों की जयन्ती है। ऐसे पावन अवसर पर अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े, अल्पसंख्यक तथा सामान्य वर्ग के पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण कार्य का शुभारम्भ प्रशंसनीय है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आजादी के आन्दोलन के ऐसे महान योद्धा थे, जिन्होंने अहिंसा, सत्य तथा भारत की मैत्री एवं करुणा के मार्ग का अनुसरण करते हुए देश के स्वाधीनता आन्दोलन का नेतृत्व ऐसे समय में किया जब आम भारतीय, अंग्रेजों की गुलामी को नियति मानने लगा था। उस समय अहिंसा के इस महान पुजारी ने लोगों में स्वदेशी, स्वावलम्बन के भावों को जागृत कर भारत और भारतीयता की अलख जगायी। जिन अंग्रेजों के राज में सूरज अस्त न होने की आम धारणा थी, गांधी जी के नेतृत्व में देश को उन अंगे्रजों से आजादी प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज पूज्य बापू जी की 152वीं जयन्ती है। हम सब का सौभाग्य है कि इस वर्ष भारत की आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। 15 अगस्त, 2022 को देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण करेगा। यह समय यह आत्मावलोकन करने का है कि देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व त्याग व बलिदान करने वाले स्वाधीनता सेनानियों के संकल्पों को साकार करने में हम किस सीमा तक सफल हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 02 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान का शुभारम्भ किया। गांधी जी स्वच्छता को बहुत महत्वपूर्ण मानते थे। स्वच्छता जीवन में व्यापक परिवर्तन ला सकती है। स्वच्छ भारत मिशन ने आम भारतीय में स्वच्छता के प्रति न केवल जागरूकता पैदा की, बल्कि स्वच्छता के प्रति आत्मीयता का भाव भी जगाया। मिशन के माध्यम से नारी गरिमा का अभीष्ट लक्ष्य प्राप्त करने में भी सफलता मिली।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 38 जनपद प्रति वर्ष मस्तिष्क ज्वर की महामारी से प्रभावित होते थे। इससे प्रतिवर्ष 1500 से 2000 मासूम बच्चों की मौत हो जाती थी। स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से प्रधानमंत्री जी की हर गरीब के घर में व्यक्तिगत शौचालय की संकल्पना को साकार किया गया। मस्तिष्क ज्वर की महामारी से प्रभावित क्षेत्र में स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल की आपूर्ति से दिमागी बुखार से प्रभावित होने वाले जनपदों में बीमारी पर नियंत्रण प्राप्त करने मंे सफलता मिली। मस्तिष्क ज्वर से मृत्यु के मामलों में 97 प्रतिशत से 99 प्रतिशत तक की कमी आयी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने स्वच्छता व स्वदेशी के आधार पर विभिन्न कार्यक्रम संचालित किये। कोरोना कालखण्ड में रोजगार पर प्रभाव पड़ा। बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों का पलायन हुआ। ऐसे समय में प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया। इसका आधार परम्परागत उद्यम एवं स्वदेशी उत्पाद है। वर्तमान राज्य सरकार ने परम्परागत उद्यम तथा स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2018 में ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ प्रारम्भ की। ‘प्रधानमत्री मुद्रा योजना’ सहित विभिन्न योजनाओं के सहयोग से ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ के तहत पराम्परागत उद्यमों में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हुआ और स्वदेशी का लक्ष्य साकार हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महात्मा गांधी जी के दर्शन की प्रासंगिकता 100 वर्ष पहले भी थी और आज भी बनी हुई है। इसके माध्यम से कम पूंजी में अधिक रोजगार दिया जा सकता है। वर्तमान राज्य सरकार ने परम्परागत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ प्रारम्भ की है। इस योजना के माध्यम से गांधी जी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना साकार हो रही है। गांधी जी के विचारों की प्रासंगिकता, भारत व भारतीयता के प्रति उनका अनुराग सदैव प्रेरणा देती रहेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की भी आज जयन्ती है। शास्त्री जी ने स्वाधीनता आन्दोलन में योगदान करने के साथ ही, आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। महात्मा गांधी जी के अनुयायी तथा अहिंसा के पुजारी होने के बावजूद वर्ष 1965 में देश पर पाकिस्तान के आक्रमण का उन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया। दुनिया के देशों के भारत पर प्रतिबन्ध लगाने की बात पर उन्होंने देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में ‘जय जवान, जय किसान’ का उद्घोष कर भारतवासियों को प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज 01 लाख 51 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि प्रेषित करके छात्रवृत्ति वितरण की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है। लाभान्वित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि लगभग 51 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जानी है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण से सम्बन्धित सभी विभाग मिशन मोड पर कार्य करते हुए 30 नवम्बर, 2021 तक सभी छात्र-छात्राओं के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि अवश्य अन्तरित कर दें, जिससे विद्यार्थियों का पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे और उन्हें कोई कठिनाई न हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति धनराशि का अन्तरण सुचारु रूप से सुनिश्चित करने के लिए शासन और जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र विद्यार्थी इस योजना से वंचित न रहे। सभी सम्बन्धित विभागों के मंत्रिगण छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति वितरण की कार्यवाही की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में कुल 3900 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान कर रही है। जबकि वर्ष 2012-13 में 1,800 करोड़ रुपए की धनराशि ही छात्रवृत्ति शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में विद्यार्थियों को प्रदान की गयी थी।
समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयन्ती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि गांधी जी चाहते थे कि देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी आगे बढ़ने के लिए जरूरी सुविधाएं सुलभ हों। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार अन्तिम पायदान के व्यक्ति के हित व कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इस सम्बन्ध में समाज कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न योजनाए संचालित की जा रही हैं। इसी कड़ी में आज छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण कार्य का शुभारम्भ किया जा रहा है।
कार्यक्रम के अन्त में अपर मुख्य सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं सचिवालय प्रशासन श्री हेमन्त राव ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति श्री कुवंर मानवेन्द्र सिंह, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री अनिल राजभर, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री मोहसिन रजा सहित अन्य मंत्रिगण एवं जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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2021-10-02