गौशाला बदहाल,निराश्रित मवेशी परेशान

 धनञ्जय पाण्डेय/दैनिक इंडिया न्यूज़

मधुबन,मऊ। तहसील क्षेत्र के दरगाह में बना पशु आश्रय स्थल अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है। गोवंशों की चारा व्यवस्था के नाम पर जिम्मेदार धनों का बंदरबांट कर मालामाल हो रहे हैं। गोवंश के हित की बात तो सभी करते हैं लेकिन इनकी दुर्दशा देखकर शासन-प्रशासन सभी अनदेखी कर रहे हैं। यही वजह है कि गोवंश तिल तिल कर जीते हैं,और तड़प तड़प कर मर रहे हैं। ऐसा ही कुछ आंखों देखा हाल संचालित गौशाला दरगाह में देखने को मिला। इस बार भीषण ठंड भी पड़ी है,गर्मी का समय आने वाला है। लेकिन पशु आश्रय स्थल में पर्याप्त इंतजाम नहीं है। सूखे भूसे की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है जिसके भरोसे बेजुबान पशु हैं। मानक से अधिक पशु होने पर आश्रय स्थल में छांव तक की सुविधा नहीं है। ऐसे में पशु ठंड तो किसी तरह काटे है लेकिन मवेशी आने वाले गर्मी मे लू के थपेड़े खाने को विवश हैं। पशु आश्रय स्थल में मानक के हिसाब से 80 पशु होने चाहिए लेकिन इस समय पशुओ की संख्या 135 है। पशुओं को पानी पिलाने के लिए टैंक बनाया गया हैं। लेकिन पानी पीने योग्य नहीं है,पानी में काई लगी हुई है, पानी से बराबर बदबू आता रहता है। कर्मचारी भी अनुपस्थित रहते है। महिला कर्मचारी के बदले उनके पुरुष काम करते हैं। शौचालय भी सुव्यवस्थित नहीं है। गौ आश्रय केंद्र में बनाए गए सीमेंट के चादर से छांव की व्यवस्था की गई है। एक चौथाई पशु बीमार दिखे जो हमेशा बैठे ही रहते हैं। वही दैनिक इंडिया न्यूज़ टीम ने खंड विकास अधिकारी दोहरीघाट से दूरभाष के माध्यम से जानकारी साझा करना चाहा तो काल बंद आई। गोशाला प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। योगी सरकार भले ही गोशाला के सुचारू संचालन के लिए गंभीर हो मगर जिम्मेदार पूरी तरह से बेपरवाह हैं।

Share it via Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *