दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ।महानगर वासियों ने गोलमार्केट महानगर मे चन्द्रशेखर आजाद जी की प्रतिमा पर एकत्र हो देश की आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के दीवानों मे चंद्रशेखर आजाद जी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। आज उनकी पुण्यतिथि है। 27 फरवरी 1931 को वह अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। श्री जे पी सिंह, अध्यक्ष संस्कृत भारतीन्यास अवधप्रान्त ने बताया कि वह आजादी के लिए इतना दीवाने थे कि जब वह महज 15 साल के थे, तो गांधीजी से प्रभावित होकर उनके असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए थे। इस दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था और जब जज ने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने बताया कि उनका नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्रता है और घर का पता जेल है। इसके बाद जज ने उन्हें 15 कोड़े की सजा सुनाई थी। आज की पीढ़ी उनके बलिदान को स्मरण कर स्वतंत्रता की कीमत समझ राष्ट्र निर्माण मे समर्पित होनी चाहिए। बड़ी संख्या मे समाज के हर वर्ग के लोगों ने पुष्पांजलि कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर श्री रवीन्द्र काचरू,श्री जितेन्द्र जी अधिवक्ता, श्री सुनील शांखधर मंडल महामंत्री,श्रीमती सुमन लता जी,श्री जे पी सिंह अध्यक्ष संस्कृत भारतीन्यास अवधप्रान्त, श्री गौरव नायक संगठन मंत्री,श्री गिरीश जोशी,श्री विश्वनाथ जी वार्ड अध्यक्ष आदि उपस्थित रहे।
2023-02-27