रामपुर उपचुनाव : लोकसभा में हराया था,अब विधानसभा की बारी

योगी सरकार के विकास कार्यों और माफिया आजम खां के खिलाफ रामपुर में कमल खिलाने को भाजपा ने आकाश सक्सेना पर लगाया दांव

योगी सरकार ने 3100 करोड़ से किया है रामपुर का चतुर्दिक विकास

हरिंद्र सिंह दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ, 18 नवम्बर: रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को पटखनी देने के बाद भाजपा विधानसभा उपचुनाव में भी कमल खिलाने को आतुर है। पार्टी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रामपुर में हुए विकास कार्यों को लेकर मैदान में है। इन्हीं विकास कार्यों की बदौलत भाजपा ने यहां लोकसभा उपचुनाव में 42,048 वोटों से जीत दर्ज की थी। विधानसभा में इससे अधिक अंतर से जीतने के लिए पार्टी कमर कस चुकी है। भाजपा यह मान चुकी है कि लोकसभा में सपा को हराने के बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विधानसभा में भी वहां समाजवादी पार्टी को हराएंगे।

दरक चुके किले को ढहाने की तैयारी

रामपुर में राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों के भी नाम तय कर दिए। चूंकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है, इसलिए सीधा मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार आकाश सक्सेना एवं सपा के आसिम रजा के बीच ही है। जून में रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी रजा ही सपा के प्रत्याशी थे। इस चुनाव में भाजपा के घनश्याम लोधी ने आसिम रजा को 42,048 वोटों से पराजित कर सपा से यह सीट छीन ली थी। एक तरह से आजम खान के गढ़ रामपुर को भाजपा पहले ही दरका चुकी है। इस चुनाव में वह उसे ढहाने की मुकम्मल तैयारी में है। 

योगी सरकार का विकास ही होगा मुद्दा

भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना और आजम खान एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। आकाश को राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता शिव बहादुर सक्सेना मंत्री रहे हैं। आकाश ने आजम खान पर कई मुकदमे भी कराए हैं। आजम खान का यह विरोध चुनाव में भी दिखेगा। लिहाजा यह बाकी चुनावों से दिलचस्प भी होगा। भाजपा का मुख्य मुद्दा विकास होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना भेदभाव के सबका विकास किया है। केंद्र एवं प्रदेश की जो लाभपरक योजनाएं हैं, उनमें चयन का एक मात्र मानक पात्रता रही है। पहले की सरकार खासकर सपा के समय इसका ठीक उल्टा था। तब इन योजनाओं से कौन लाभान्वित होगा, इसका मानक जाति, धर्म और क्षेत्र हुआ करता था।तुष्टिकरण किसी का नहीं, विकास सबका यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए सिर्फ वादा नहीं, संकल्प है। इसे चरितार्थ करते हुए रामपुर में अब तक करीब 3100 करोड़ के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। अधिकांश काम हो भी चुके हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक नेताओं में से एक आजम खान के सामने अपनी पारंपरिक रामपुर विधानसभा सीट बचाने की चुनौती है। रामपुर लोकसभा सीट गंवाने और रामपुर से आजम खां की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने के बाद यह सीट रिक्त घोषित कर दी गई थी। अब इस सीट पर चुनाव कराया जा रहा है। सपा ने आजम खान की इस सीट पर आसिम रजा को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है। आसिम रजा दस बार के विधायक आजम खां के करीबी और भरोसेमंद नेताओं में शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस सीट पर अपने प्रत्याशी आकाश सक्सेना को जिताने के लिए इलाके में कराए गए विकास कार्यों को मुख्य हथियार बनाएगी। 

भाजपा ने योगी सरकार के मंत्रियों को भी उतारा

भाजपा रामपुर को जीतने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि उसने योगी सरकार के मंत्रियों को यहां की जिम्मेदारी सौंपी है। वरिष्ठतम मंत्री सुरेश खन्ना के अलावा जितिन प्रसाद और धर्मपाल सिंह को पार्टी ने यहां कमल खिलाने के लिए प्रबंधन का जिम्मा दिया है।

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