आज है अष्टमी, मां दुर्गा की आराधना करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें”-डॉ प्रदीप द्विवेदी

दुर्गा अष्टमी हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार महिलाओं की शक्ति और सम्मान को बताता है और हर वर्ग के लोगों के बीच समानता, सौहार्द और एकता की भावना बढ़ाता है।

इस त्योहार के पहले दिन शक्तिपीठों में भगवती की पूजा की जाती है तथा दुर्गा माता की मूर्तियों के इस्तेमाल से गुड़ियों की सजावट की जाती है। इसके बाद इस त्योहार में स्वर्ग में अवस्थित महासती दुर्गा के उत्सव के लिए पारंपरिक रूप से पूजा की जाती है।

यह त्योहार वर्ष में एक बार मनाया जाता है और हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। यह त्योहार महिलाओं को शक्ति, ऊर्जा और स्वाधीनता की भावना से भर देता है।

दुर्गा अष्टमी के दौरान, घरों को सजाया जाता है और पारंपरिक रूप से पूजा की जाती है। लोग माँ दुर्गा की मूर्तियों को स्वच्छ करते हैं और उनका पूजन करते हैं। भक्त धूप, दीप, फूल, खीर, पूड़ी, हलवा, समोसे आदि भोजन का प्रसाद बनाते हैं।

इस त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा दुर्गा पंचमी से शुरू होने वाले दुर्गा पूजा का होता है। इस दिन मूर्तियों को शुद्ध किया जाता है और वे पूजने के लिए तैयार किए जाते हैं।

जाने दुर्गाअष्टमी का उद्देश्य

दुर्गा अष्टमी का उद्देश्य हिंदू धर्म में देवी दुर्गा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना होता है। यह त्योहार नवरात्रि के अंतिम दिन मनाया जाता है और इस दिन भगवती दुर्गा की पूजा की जाती है। इस दिन महिषासुर वध की कथा का भी उल्लेख होता है जिसके आधार पर देवी दुर्गा ने इस्तेमाल किए गए असुर महिषासुर को मार डाला था।

इस उत्सव के दौरान धर्मिक और सामाजिक रूप से कई रूप दुर्गा की पूजा की जाती है जिसमें स्वर्णमुद्रा, अंकुश, सलामी आदि उपयोग किए जाते हैं। इस त्योहार के दौरान अनेक प्रकार की भोजन सामग्री बनाई जाती है जो उपलब्ध होती है। इस दिन कुछ लोग नवलिन पूजा करते हैं, जब तक आठवें दिन नहीं गुजरता है तब तक पूजा की जाती है।

दुर्गा अष्टमी महत्व

दुर्गा अष्टमी हिंदू धर्म में एक बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार को नवरात्रि के आठवें दिन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन देवी दुर्गा के जीवन में महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित है।

दुर्गा अष्टमी को देवी दुर्गा के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन लोग मां दुर्गा के मंदिरों में जाकर उन्हें पूजते हैं और उनकी कृपा के लिए व्रत रखते हैं। इस त्योहार के दौरान पंचमूर्ति नामक पांच देवीयों की पूजा भी की जाती है।

दुर्गा अष्टमी का महत्व भयभीत होने से नहीं होता है, बल्कि दुर्गा देवी की विजय का उत्सव मनाने के लिए होता है। इस दिन मां दुर्गा ने असुरों को परास्त कर उनसे जीत हासिल की थी। इसलिए, इस दिन के उत्सव एक विजय और उत्साह का पर्याय है।

यह त्योहार आध्यात्मिक उन्नति और परिवार के संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। दुर्गा अष्टमी के जश्न और उत्सव से हम शांति, समृद्धि और समाज की खुशहाली की कामना करते हैं।

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दुर्गा अष्टमी के पावन पर्व पर समस्त प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं-डॉ प्रदीप द्विवेदी होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय जनपद हरदोई

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