दीपोत्सव शुरू हुआ और संवरती चली गई अयोध्या

दीपोत्सव के साथ ही शुरू हुआ अयोध्या को संवारने का महाअभियान

एक तरफ अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का हो रहा निर्माण, दूसरी तरफ इस प्राचीन नगरी के वैभव को दोबारा वापस लाने में जुटी है योगी सरकार

440 करोड़ रुपए की कुल लागत से अयोध्या में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के रेलवे स्टेशन का हो रहा निर्माण

200 करोड़ की शुरुआती लागत से अयोध्या में तैयार हो रहा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट

9 अरब रुपये से अयोध्या में श्रीराम मंदिर के आस पास की सड़कों का हो रहा जीर्णोद्धार

अयोध्या में बनाये जा रहे नए धर्मशाला, रंगशाला, पुस्कालय, सामुदायिक केंद्र। नगर को खूबसूरत लाइटिंग से सजाने की हो रही व्यवस्था

अयोध्या के पुराने हो चुके घाटों का जीर्णोद्धार करा के दिया जा रहा नव्य-भव्य स्वरूप

अयोध्या के अति प्राचीन महत्व के कुंड और सरोवरों का भी पुनर्निर्माण और जीर्णोद्धार करा रही है योगी सरकार

दुनिया की पहली सर्व सुविधायुक्त नगरी अयोध्या के पुराने वैभव को वापस लाने में जी-जान से जुटी हुई है योगी सरकार

दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ।पवित्र सप्तपुरियों में से एक भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या का इतिहास सदा ही वैभवशाली रहा है। हालांकि, युगों तक प्रचुर धन-धान्य से संपन्न, सुखी और समृद्धशाली अयोध्या ने वो कालखंड भी देखा है, जब विदेशी आक्रांताओं ने धरती की अमरावती कही जाने वाली इस नगरी को हर प्रकार से लगभग नेस्तनाबूत करने की कगार तक पहुंचा दिया था। हजार साल की गुलामी का दौर खत्म होने और आजादी के दशकों बाद तक अयोध्या राजनीतिक रूप से तिरस्कृत ही रही। इसके बावजूद करोड़ों आस्थावान श्रीरामभक्तों के हृदय में अवधपुरी की जो त्रेतायुगीन गौरवमयी छवि बसी थी, उसे कभी ना कभी तो मूर्त रूप लेना ही था। और, इस कार्य की शुरुआत हुई सन 2017 से जब उत्तर प्रदेश की बागडोर योगी आदित्यनाथ के हाथों में आयी। 

दीपोत्सव से अयोध्या को संवारने का हुआ शुभारंभ

सहस्त्र वर्ष की पराधीनता के कारण धूमिल हुए अयोध्या नगरी के प्राचीन वैभव को दोबारा वापस लाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने एक विशाल चुनौती थी। इस महान लक्ष्य की ओर अग्रसर होने का शुभारंभ योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव के जरिए किया। दीपोत्सव, जिसे प्रभु श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मण जी के वनवास से लौटने की स्मृति में योगी सरकार हर वर्ष दीपावली से ठीक एक दिन पहले आयोजित कराती है। अयोध्या में 2017 में दीपोत्सव की शुरुआत ही वो मील का पहला पत्थर है, जिसके बाद प्रभु की नगरी संवरती ही जा रही है।

सड़कें बन रहीं चौड़ी, सुंदर और सुविधायुक्त  

अयोध्या में जहां एक ओर भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है वहीं इसके आस-पास के क्षेत्र को भी दिव्य रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गयी है। योगी सरकार लगभग 9 अरब रुपये की लागत से जन्मभूमि तक सुगम पहुंच के लिये सड़कों को चौड़ी, सुंदर और सुविधायुक्त बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसके लिये पहली किश्त के रूप में 107 करोड़ रुपये शासन की ओर से जारी भी कर दिये गये हैं। 

मंदिर जैसा ही भव्य और दिव्य बन रहा इंटरनेशनल एयरपोर्ट

श्रीराम की नगरी अयोध्या के विकास को लेकर मोदी-योगी सरकार कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती। यहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य काफी तेजी के साथ चल रहा है। एयरपोर्ट के फर्स्ट फेज का बजट 252 करोड़ रुपये है। इसके रनवे का बजट 98 करोड़ रुपये है, जबकि टर्मिनल 56 करोड़ में तैयार किया जा रहा है। यहां पर एक बार में 300 पैसेंजर के आने-जाने की व्यवस्था की जा रही है। एयरपोर्ट की बिल्डिंग को अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। 

बन रहा एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं वाला रेलवे स्टेशन

मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार के प्रयासों से अयोध्या में जहां अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है, तो वहीं वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशन की सौगात भी जल्द अयोध्यावासियों को मिलने जा रही है। यह देश के सबसे खूबसूरत और आधुनिक सुविधाओं से संपन्न रेलवे स्टेशनों में से एक होगा। अयोध्या स्टेशन के विस्तार को लेकर रेलवे 200 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है, कुल बजट की बात करें तो ये लगभग 440 करोड़ रुपए का है। इसमें खूबसूरत भवन, पार्किंग, कर्मचारियों के लिए आवास, रेलवे पुलिस के लिए कार्यालय, तीन नए प्लेटफार्मों का निर्माण, रोड निर्माण, ड्रेनेज संबंधी कार्य सहित अन्य काम हो रहे हैं। अयोध्या स्टेशन की बिल्डिंग की बात करें तो यह 10 हजार वर्गमीटर में फैला होगा। पहले चरण में बने भवन को श्रीराम मंदिर की तर्ज पर भव्य और आकर्षक बनाया गया है। भवन में लगी टाइल्स, पत्थर, शीशे, दरवाजे, लाइटिंग आदि इसकी भव्यता का एहसास करा रहे हैं। यही नहीं स्टेशन परिसर के बाहर का विशाल परिसर भी इसकी भव्यता का गवाह बन रहा है।

बिजली के तारों के मकड़जाल से मिलेगी निजात

अयोध्या नगर में बेतरतीब ढंग से फैले बिजली के तारों को भूमिगत करने का काम जोर शोर से चल रहा है। उम्मीद के अनुसार जून 2023 तक अयोध्या नगर को तारों के मकडजाल से निजात मिल जाएगी। ऊर्जा मंत्रालय, एनटीपीसी टांडा और अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा ‘उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य पावर 2047’ कार्यक्रम के अंतर्गत बिजली के तारों को भूमिगत किया जा रहा है। 179.60 करोड़ रुपये की लागत से हो रहे इस काम में एरियल बंडल केबल (एबीसी) डालने का काम तो इसी माह पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा अयोध्या में उजाला योजना के अंतर्गत अबतक 3,81,536 एलईडी लाइट का वितरण किया गया है। 

पौराणिक कुंडों तालाबों का हो रहा जीर्णोद्धार 

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दिव्य-भव्य रूप में अस्तित्व में आने से पहले ही यहां विकास की तमाम योजनाओं को मूर्त रूप देने का कार्य तेजी से चल रहा है। बात चाहे अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की हो, श्रीराम मंदिर कॉरीडोर की हो या प्राचीन कुंडों, सरोवरों को अलौकिक रूप देने की, अयोध्या में विकास कार्य तेजी से संपादित किये जा रहे हैं। अयोध्या के आसपास के जितने भी पौराणिक स्थल हैं, उनको विकसित किया जा रहा है। वहीं 108 पौराणिक कुंडों के सुंदरीकरण का कार्य भी तेज गति से चल रहा है। इनमें अति प्राचीन सूर्य कुंड के सुंदरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। 

20 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट 

अयोध्या को संवारने में मोदी-योगी सरकार की ओर से धन की कोई कमी नहीं की गयी है। रघुनंदन की पावन भूमि के वैभव को पुनर्स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य हो रहे हैं। इस साल के अंत तक करीब 17 सौ करोड़ रुपए की परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। सरकार का पूरा जोर है कि 2024 के पहले अयोध्या वैश्विक नगरी का रूप ले ले। फिर चाहे तीन हजार करोड़ रुपए से ग्रीन फिल्ड टाउनशिप विकसित करना हो या सड़कों के निर्माण पर करीब 12 हजार करोड़ रुपए का खर्च, मोदी योगी सरकार अयोध्या को संवारने के लिए मिशन मोड में जुटी हुई है। श्रीराम जन्म भूमि पथ, भक्ति पथ और राम पथ के चौड़ीकरण का कार्य तेज गति से चल रहा है। इसके अलावा अयोध्या बाईपास (रिंग रोड) का निर्माण, चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण, सालारपुर रेलवे स्टेशन टर्मिनल निर्माण भी अयोध्या के गौरव को पुनर्स्थापित करेगा।

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