फसल कटाई का कार्य करने से पूर्व क्षेत्र के राजस्व/कृषि विभाग के कर्मचारियों को करें अवश्य सूचित- मुख्य विकास अधिकारी
वाचस्पति त्रिपाठी / दैनिक इन्डिया न्यूज मऊ। मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रशांत नगर की अध्यक्षता में पराली के उचित प्रबंधन हेतु कंबाइन हार्वेस्टर के मालिकों के साथ बैठक कृषि भवन के सभागार में संपन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त कंबाइन हार्वेस्टर मालिकों को फसल कटाई के समय कंबाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग करने के निर्देश दिए।ऐसा नहीं करने पर कंबाइन हार्वेस्टर को सील करने की चेतावनी भी दी। उन्होंने सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र जैसे स्ट्रा रीपर, स्ट्रा रेक व बैलर, रिवर्सिबल एमबी प्लावो, पैडी स्ट्रा चापर, मल्चर,रोटरी स्लेसर आदि का भी प्रयोग कंबाइन हार्वेस्टर के साथ करने को कहा, जिससे कि खेत में फसल अवशेष को काटकर मिट्टी में मिलाया जा सके या उसका बंडल बनाकर अन्य उपयोग में लाया जा सके।बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त कंबाइन हार्वेस्टर के मालिकों को फसल कटाई का कार्य करने से पहले क्षेत्र के राजस्व/ कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी को सूचित करने के भी निर्देश दिए। ऐसा नहीं करने एवं निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर विधिक कार्यवाही करने की चेतावनी भी दी। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि फसल अवशेष को जलाने से रोकने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा कृषक समूह/ग्राम पंचायत समिति/गन्ना समिति को 80% अनुदान पर फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं ताकि फसल जलाने की घटना को शून्य किया जा सके। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने से वातावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ मिट्टी के पोषक तत्वों की अत्यधिक क्षति होती है तथा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।इससे सामान्य वायु की गुणवत्ता में कमी आती है,जिससे होने वाले विभिन्न रोगों एवं बीमारी से मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः पराली प्रबंधन किया जाना आवश्यक है।
बैठक के दौरान उप निदेशक कृषि श्री एसपी श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी उमेश सिंह एवं समस्त कंबाइन हार्वेस्टर के मालिक उपस्थित थे।