संस्कृतभारती अवध प्रांत द्वारा आयोजित सप्तदिवसीय आवासीय प्रबोधन वर्ग का ,समापन सत्र हुआ सम्पन्न

दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ।संस्कृतभारती अवध प्रांत द्वारा आयोजित सप्तदिवसीय आवासीय प्रबोधन वर्ग का ,समापन सत्र शिवयोग पीठ आश्रम,बाराबंकी मे स्वामी श्री चिन्तानन्दजी महराज, श्री जे पी सिंह, अध्यक्ष संस्कृत भारतीन्यास अवधप्रान्त, श्री सुन्दर लाल उकिल अध्यक्ष, संस्कृतभारती अवधप्रान्त,श्री इन्द्र सेन जी एडीएम (जे) बाराबंकी,श्री कन्हैयालाल झा क्षेत्रीय संयोजक, श्री गौरव नायक संगठन मंत्री,संस्कृतभारती अवधप्रान्त, श्री अनिल जी महामंत्री अवधप्रान्त संगठन,श्री ब्रजेश जी सहित बड़ी संख्या मे गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामय उपस्थित मे दीप प्रज्वलन व मां स्वरस्वती जी के पूजन अर्चन के साथ कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर 13 जनपदों के 40 बटुक छात्र छात्राओं ने सहभागिता कर संस्कृत भाषा के उन्नयन,शिक्षण प्रशिक्षण एवं उद्बोधन द्वारा विषयों को ग्राह्य कर कार्यक्रम मे उपस्थित दर्ज की। सात दिवसीय गौष्ठी मे कार्य-सूची के अनुसार प्रातः 5 बजे से रात्रि 10 बजे विभिन्न विषयों पर गणों को सजग करते हुए उनका शारिरिक, अध्यात्मिक व समाजिक रूप से दक्ष बनाने का कार्य किया गया।श्री जे पी सिंह अध्यक्ष संस्कृत भारतीन्यास अवधप्रान्त ने अपने सम्बोधन मे कहा कि संस्कृत समस्त भाषाओं की जननी व प्राचीन ग्रंथों मे ज्ञान विज्ञान की लिपिबद्ध संग्रहित समृद्धिशाली सम्पदा है।लम्बे अंतराल के पश्चात पुनः संस्कृत को जन जन तक पहुंचने मे संस्कृतभारती अवधप्रान्त का यह सुंदर सुधी सफल प्रयास है।श्री सुन्दर लाल उकिल जी ने छात्रो को कहा कि निरंतर अभ्यास भाषा को परिष्कृत कर वेद पुराण का ज्ञान ग्रहण करने मे सहायक होगा।श्री कन्हैयालाल झा जी ने कहा कि यह वर्ग अन्य जनपदों मे भी लगातार लगाया जाएगा।वेद पुराण भारतीय जीवन पद्धति है व हमारी संस्कृति के ध्वजवाहक हैं। श्री इन्द्र सेन जी ने संस्कृत की उत्पति व महर्षि पाणि के सूत्रों से समस्त बटुक को परिचित कराया व अवधप्रान्त के इस प्रयास को समाजोपयोगी बताया। पूज्य स्वामी चिन्तानन्द जी महराज ने योगशाला मे सभी का बटुकों,गरूजनो, सहयोगियों को आश्रम की तरफ सफल आयोजन के शुभकामनाए प्रेषित करते हुए संस्कृत के सफल अध्यन हेतू सकारात्मक शिक्षण पद्धति के लिए शुभकामनाए प्रेषित कर अपने आशीर्वचनों से सभी को लाभान्वित किया। श्री कन्हैयालाल झा जी ने सभी सहभागियों को इस सत्र को गम्भीर रूप पूर्ण होने पर सभी बटुकों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए उनके सहपाठियों को भविष्य के वर्गो मे सम्मलित होने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील करते हुए नवाचार से पाठ्यक्रम चलाने के निर्देश प्रांत पदाधिकारीगणों को दिए।
श्री अनिल जी प्रांत मंत्री ने सभी को सहयोग व सहभागिता के लिए अंतर्मन पटल से आभार व्यक्त करते हुए साधुवाद ज्ञापित किया।
समस्त उपस्थित छात्रो,प्रतिभागियों व अतिथियों के लिए एक संस्कृत वीथिका का भी प्रदर्शन किया गया।प्रशिक्षण सामाग्री,कला,विज्ञान,गणित, व्याकरण,अंतरिक्ष, चिकित्सा,पर्यावरण, जल प्रबंधन, शल्य क्रिया,वन,कृषि आदि के विषय मे संस्कृत के प्रचीन ग्रंथो से उद्धृत चित्रो सहित सरल विधि से विषयों को श्लोक के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।इस प्रदर्शनी की सभी ने भूरि भूरि प्रशंसा की।

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