पावन तीर्थ नैमिषारण्य और महर्षि वेदव्यास जी को स्मरण करते हुए कुटुम्ब प्रबोधन शिक्षण का हुआ शुभारंभ-पवन सिंह चौहान
संस्कार विहीन मनुष्य का जीवन निरर्थक । राष्ट्र निर्माण मे संस्कृत भाषा का आदि साहित्य – वेद पुराण, महाभारत, मानस हर काल मे सामयिक- श्री टी एन प्रभाकर अखिल भारतीय कुटुम्ब प्रबोधन शिक्षा प्रमुख
संस्कृत व संस्कृति के समन्वय से नैतिकता सरलता समरसता का मार्ग संस्कृत से होकर जाता है संस्कृत पूर्ण रूप से वैज्ञानिक भाषा है- श्रीशदेव पुजारी अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख संस्कृत भारती
दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ।संस्कृत भारतीन्यास अवधप्रान्त के द्वारा आयोजित कुटुम्ब प्रबोधन शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम शिवमन्दिर परिसर महानगर लखनऊ मे श्री टी एन प्रभाकर अखिल भारतीय कुटुम्ब प्रबोधन प्रमुख, श्री श्रीशदेव पुजारीअखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख, श्री जे पी सिंह अध्यक्ष संस्कृत भारतीन्यास अवधप्रान्त, श्री कन्हैयालाल झा सचिव संस्कृत भारतीन्यास अवधप्रान्त व आदरणीय श्री पवन सिंह चौहान विधान परिषद सदस्य उत्तर प्रदेश की गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्वलन व भारत माता के पूजन अर्चन सहित सम्पन्न हुआ। श्री जे पी सिंह अध्यक्ष ने समस्त मंचासीन अतिथियों व सहभागी विशिष्ट गणमान्य सुधीजनों का स्वागत करते हुए वर्तमान परिदृश्य मे कुटुम्ब संस्कारों को संस्कृत ग्रंथों व भारतीय संस्कारों के पुनर्स्मरण हेतू आहुत इस गौष्ठी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इस अवसर पर संस्कृत भारतीन्यास अवधप्रान्त के मुखपृष्ठ पत्रिका अवधसम्पदा के महर्षि वेदव्यास विशेषांक के विमोचन कार्यक्रम के सम्बंध विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत किया। श्री श्रीशदेव पुजारी जी ने वर्तमान मे समाजिक संस्कारों मे ह्रास व परिवार के विघटनकारी विषयों को सारगर्भित सम्बोधन से पुनर्स्थापना पर प्रकाश डालते हुए निदान के मार्ग को प्रशस्त किया। मुख्य अतिथि श्री टी एन प्रभाकर जी ने श्री अशोक उपाध्याय क्षेत्रीय कुटुम्ब प्रबोधन प्रमुख के कथन को रेखांकित कर विस्तार से कुटुम्ब के संस्कारों,सामाजिक, आर्थिक, राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य मे संस्कृत के आदि ग्रंथों को संदर्भित करते हुए प्रत्येक सम्बंधों की विस्तृत व्याख्या करते हुए उपस्थित समुदाय को लाभान्वित किया। राष्ट्र निर्माण व उसकी मूल इकाई परिवार को सुदृढ कर संस्कारों से सिंचित करने के लिए सकारात्मक तर्कों से आलोकित किया। श्री पवन चौहान विधान परिषद सदस्य ने सरकार द्वारा नैमिषारण्य तीर्थस्थल विकास एवं संस्कृत भाषा उन्नयन एवं शिक्षण पर अपने व सरकार के भावों से अवगत कराते हुए संस्कृत भारतीन्यास अवधप्रान्त द्वारा किए जा रहे सराहनीय प्रयास के लिए बधाई देते हुए सहयोग के लिए आश्वस्त किया। श्री कन्हैयालाल झा जी ने अवधसम्पदा पत्रिका पर विस्तार से भाव दिए। समस्त अतिथियों ने अवधसम्पदा के महर्षि वेदव्यास विशेषांक का विमोचन कर उपस्थित समस्त कुटुम्बों को प्रति भेंट की। श्रीमती वंदना द्विवेदी जी समस्त अतिथियों को धन्यावाद ज्ञापित करते हुए अपेक्षा की हम सब अपनी जीवन पद्धति मे नवाचार से भारतीय संस्कृति को जीवंत करेंगे।