03 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलेगा दस्तक एवं संचारी रोग नियंत्रण अभियान ,
खराब प्रगति पर फतहपुर मण्डांव सहित तीन खंड विकास अधिकारियों के वेतन रोकने के दिये निर्देश
वाचस्पति त्रिपाठी / दैनिक इण्डिया न्यूज
मऊ । मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति के शासी निकाय एवं संचारी रोग नियंत्रण अभियान की बैठक कलेक्ट सभागार में संपन्न हुई।
बैठक के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बी.के. यादव ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग, नगर विकास, ग्राम्य विकास, कार्यक्रम विभाग, पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन सहित अन्य विभागों का सहयोग किया जाना है। उन्होंने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान 03 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलाए जाने हेतु संचारी रोग नियंत्रण की द्वितीय बैठक की जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा ग्रामों में नालियों की साफ सफाई जल भराव का निस्तारण, ग्राम वासियों के सहयोग से श्रमदान द्वारा झाड़ियां की कटाई उथले हैंडपंप को लाल रंग से चिन्हीकरण इंडिया मार्का टू हैंड पंप प्लेटफार्म की मरम्मत, ग्रामों में लार्वीसाइडल स्प्रे गतिविधि, मनरेगा फंड से फागिंग, ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी के बीच वाले तालाबों को अपशिष्ट तथा प्रदूषण मुक्त करना, ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग द्वारा एईएस एवं अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु माइकिंग के माध्यम से जागरूक किया जाना, ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम निगरानी समितियां के माध्यम से दिमागी बुखार एवं अन्य विक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों के विषय में निरंतर जागरूक किया जाना, कार्यक्रम विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की पहचान एवं उपचार हेतु जागरूक करना, आशा एवं ए एन एम कार्यकत्रियों के सहयोग से अपने क्षेत्र में जन जागरण किया जाना, शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा अभिभावकों तथा छात्रों का दिमागी बुखार एवं अन्य विक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों से बचाव रोकथाम एवं उपचार हेतु जागरूक करना, क्लोरिनेशन डेमो, पेयजल को उबालना, साबुन से हाथ धोना, शौचालय का प्रयोग इत्यादि के विषय में छात्रों एवं विभागों को जागरूक करना, पोस्टर प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन इत्यादि माध्यमों से छात्रों को रोगों से बचाव पर्यावरणीय स्वच्छता एवं व्यक्तिगत स्वच्छता के विषय पर सक्रिय सहभागिता के साथ जागरूक करना, नगर विकास विभाग द्वारा नगरी क्षेत्र में वातावरण व व्यक्तिगत स्वच्छता के उपाय खुले में शौच करने एवं शुद्ध पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों की रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाना, खुली नालियों को ढक्कन की व्यवस्था करना, जल भराव तथा वनस्पतियों की वृद्धि को रोकने के लिए आवश्यक गतिविधियां करना, शहरी क्षेत्र में फॉगिंग करना, नगरी निकायों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का दिमागी बुखार एवं अन्य विक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों की रोकथाम तथा साफ सफाई के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से संवेदीकरण करना, कृषि विभाग द्वारा आवश्यक क्षेत्र के आसपास छछूंदर, चूहा आदि को नियंत्रित करने हेतु उपाय करना, पशुपालन विभाग द्वारा आबादी वाले क्षेत्रों में सुकर वाडो को दूर रखने हेतु जागरूक करना, जानवरों के पालन स्थल को स्वच्छ रखने हेतु जागरूक करना। उन्होंने बुखार के लक्षण भी बताएं जिसमें यदि बुखार के साथ कपकपी अथवा जाडा लगना मलेरिया के लक्षण, बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते पडना अथवा रक्त स्राव होना डेंगू रोग का लक्षण, बुखार के साथ जोड़ों में दर्द चिकनगुनिया का लक्षण, बुखार के साथ बेहोशी, झटके आना जापानी इंसेफेलाइटिस का लक्षण एवं दो सप्ताह से अधिक की खांसी, वजन कम होना, बलगम में खून आना क्षय रोग का लक्षण हो सकता है। जिसपर उन्होंने बताया कि मरीज को तत्काल नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय पर इलाज हेतु भेजें। समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी द्वारा संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि 01 अक्टूबर को स्वच्छता अभियान सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्दों, जिला चिकित्सालय सहित अन्य स्थानों पर साफ सफाई की जाएगी। इसके अलावा 02 अक्टूबर को सभी ग्राम सभाओं पर आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हेतु कैंप लगाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य टीम से जुड़े सभी कर्मचारियों को संचारी रोग नियंत्रण अभियान को सफल बनाने हेतु मुख्य विकास अधिकारी ने रोस्टर बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने टीकाकरण के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा उन्हें टीकाकरण के बारे में हानि और लाभ के बारे में बताने के निर्देश दिए। शुद्ध पेयजल टीकाकरण में सबसे खराब स्थिति रतनपुरा, फतेहपुर मण्डाव एवं बडराव की खराब स्थिति होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्थिति में सुधार लाने तथा तीनों खंड विकास अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश भी दिए। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राइवेट स्वास्थ्य केन्द्रों में हुए संस्थागत प्रशव की समीक्षा में मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव कराने के लिए आशा, एएनएम को निर्देशित करने को कहा।
बैठक के दौरान डी.एफ.ओ., मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित चिकित्सक उपस्थित रहे।