

दैनिक इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।देश के प्रथम गृह मंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में एकता के उत्सव का वातावरण व्याप्त है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संदेश में कहा कि “राष्ट्र की शक्ति उसकी एकता में निहित है, और आज का दिन हमें उस ऐतिहासिक विरासत की याद दिलाता है जिसके बल पर भारत एक अखंड राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ।”

मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल को नमन करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही 562 रियासतों को एक सूत्र में बाँधा जा सका। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2014 में 31 अक्टूबर को “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मनाने की परंपरा स्थापित करना, सरदार पटेल के योगदान को नमन करने का एक सशक्त माध्यम है।

रेखा गुप्ता ने लोगों से “रन फॉर यूनिटी” जैसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि इस दौड़ का उद्देश्य केवल खेलकूद नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीकात्मक प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि यह अवसर युवाओं को यह समझाने का है कि सच्चा देशप्रेम केवल भावनाओं में नहीं, बल्कि राष्ट्रहित के कार्यों में निहित है।

मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों से आग्रह किया कि वे समाज में एकता, सद्भाव और सहयोग की भावना को सुदृढ़ करें। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने जिस दूरदृष्टि के साथ आज़ादी के बाद विभाजन की परिस्थितियों में देश को संगठित किया, वही दृष्टिकोण आज के भारत के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि “आज जब विश्व में भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभर रहा है, तो हमें अपने भीतर उस अनुशासन, समर्पण और एकता की भावना को जीवित रखना होगा, जो सरदार पटेल की सबसे बड़ी सीख थी।”
रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा “राष्ट्रीय एकता दिवस” के अवसर पर राजधानी के सभी जिलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें विद्यालयों, महाविद्यालयों और सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं में राष्ट्र-निर्माण के प्रति जागरूकता और दायित्व की भावना को मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश के अंत में कहा कि “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का संकल्प केवल नारा नहीं, बल्कि वह जीवनदर्शन है, जिसे हर नागरिक को अपने व्यवहार में उतारना चाहिए। सरदार पटेल की जयंती हमें यह याद दिलाती है कि जब संकल्प राष्ट्र के लिए होता है, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं रह जाती।
