उत्तराखण्ड के दक्षिण में जितनी भी पहाड़ियां हैं, उन्हें सोलर एनर्जी का माध्यम बनाया जा सकता-सीएम
दैनिक इंडिया न्यूज,नई दिल्ली, 16 नवंबर 2024:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई दिल्ली स्थित अंबेडकर भवन में आयोजित ‘रैबार-6 : ब्राण्ड उत्तराखण्ड’ कार्यक्रम में भाग लिया। अपने संबोधन में उन्होंने उत्तराखण्ड को स्प्रिचुअल और एडवेंचर टूरिज्म का वैश्विक केंद्र बनाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तराखण्ड देवभूमि के रूप में प्रसिद्ध है और केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जैसे धार्मिक स्थलों के कारण हर सनातनी के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुंदरता और एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य के सुंदर पहाड़ों को पर्यटकों के लिए एडवेंचर गतिविधियों का केंद्र बनाया जा सकता है, जो मैदानी क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित करेगा।
पलायन और रोजगार पर चिंता
मुख्यमंत्री ने राज्य में पलायन की बढ़ती समस्या पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पलायन के कारण राज्य की आबादी में कमी हो रही है। इसे रोकने के लिए रोजगार और संसाधन उपलब्ध कराना जरूरी है।” उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखण्ड के दक्षिणी हिस्से की पहाड़ियों को सोलर एनर्जी उत्पादन के लिए उपयोग में लाया जा सकता है, जिससे न केवल ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
वन संरक्षण पर बल
मुख्यमंत्री ने वनों की कटाई और आगजनी को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के वन प्रदेश की संपदा हैं, जिनके संरक्षण से राज्य की खूबसूरती बनी रहेगी। वन संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि यह संपदा राज्य के विकास में योगदान दे सके।
पुस्तक और फिल्म विमोचन
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल पर आधारित पुस्तक ‘योगी रामराज्य और हिल मेल’ का विमोचन किया। इसके अलावा, उन पर केंद्रित एक शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसमें उनके विकास कार्यों और राज्य के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाया गया।
उत्तराखण्ड को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का आह्वान
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के लोग देश-विदेश में अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने राज्य की अपार संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि पर्यटन, रोजगार और ऊर्जा के क्षेत्र में प्रयासों को तेज कर उत्तराखण्ड को वैश्विक मंच पर स्थापित किया जा सकता है।
‘रैबार-6 : ब्राण्ड उत्तराखण्ड’ कार्यक्रम ने राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के साथ-साथ आर्थिक विकास की संभावनाओं पर व्यापक चर्चा का मंच प्रदान किया।