दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने गुप्त नवरात्रि के अवसर पर सभी संतों और साधकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने 10 महाविद्याओं की प्रार्थना करते हुए कहा कि यह विशेष साधना काल संतों और साधकों को आत्मिक शक्ति प्रदान करने का अद्वितीय अवसर है। उन्होंने सभी संतों से अनुरोध किया कि वे इस पावन समय का सदुपयोग करें और साधना के माध्यम से सिद्धि प्राप्त करें।
गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि वर्ष में दो बार आती है—माघ और आषाढ़ मास में। इसे तंत्र साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान विशेष रूप से गुप्त रूप से देवी साधना करने का विधान है, जो साधक को आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक उन्नति प्रदान करता है। यह समय तंत्र, मंत्र और यंत्र की सिद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
गुप्त नवरात्रि में माता के 10 महाविद्याओं की साधना विशेष रूप से की जाती है। यह साधना केवल संतों, तपस्वियों और सिद्ध पुरुषों के लिए ही नहीं, बल्कि आम व्यक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जीवन में शक्ति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लाने वाली होती है।
10 महाविद्याओं की साधना के लाभ
गुप्त नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं—काली, तारा, षोडशी (त्रिपुरसुंदरी), भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी—की साधना की जाती है। प्रत्येक महाविद्या की अपनी विशेष शक्ति और कृपा होती है, जो साधक को विभिन्न लाभ प्रदान करती है—
- माँ काली – नकारात्मक ऊर्जा और शत्रु बाधाओं से रक्षा करती हैं।
- माँ तारा – आध्यात्मिक जागरण और मुक्ति प्रदान करती हैं।
- माँ षोडशी (त्रिपुरसुंदरी) – सौंदर्य, ऐश्वर्य और वैवाहिक सुख देती हैं।
- माँ भुवनेश्वरी – जीवन में प्रभावशाली व्यक्तित्व और सफलता प्रदान करती हैं।
- माँ छिन्नमस्ता – आत्मबल और आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करती हैं।
- माँ त्रिपुर भैरवी – साधक को शक्ति, पराक्रम और सिद्धि प्रदान करती हैं।
- माँ धूमावती – नकारात्मकता नाश कर जीवन में स्थिरता लाती हैं।
- माँ बगलामुखी – शत्रुओं का नाश कर विजयश्री देती हैं।
- माँ मातंगी – वाणी में प्रभाव और आकर्षण शक्ति प्रदान करती हैं।
- माँ कमला – धन, समृद्धि और ऐश्वर्य का वरदान देती हैं।
साधकों के लिए विशेष संदेश
राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि गुप्त नवरात्रि में की गई साधना अत्यंत फलदायी होती है और साधकों को अपनी साधना में निरंतरता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पावन समय में किया गया तप और साधना निश्चित रूप से आत्मिक उत्थान और सिद्धि प्राप्ति में सहायक होगा।
उन्होंने सभी साधकों से अनुरोध किया कि वे इस अवसर का सदुपयोग करें और संकल्प के साथ 10 महाविद्याओं की उपासना करें, जिससे समाज और राष्ट्र में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।