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दैनिक इंडिया न्यूज़ ,प्रयागराज। राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष ने चुरवा, बछरावां स्थित परम पूज्य प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त वीर हनुमान के दर्शन कर विधिवत पूजन और चरण वंदन किया। आस्था और श्रद्धा के इस पावन क्षण में उन्होंने आशीर्वाद ग्रहण कर अमृत महाकुंभ के शुभ अवसर पर तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान के लिए भावपूर्ण प्रस्थान किया।
त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान और राष्ट्र उत्थान का संकल्प
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महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान को मोक्षदायक और आत्मशुद्धि का साधन माना जाता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मां गंगा, यमुना और सरस्वती की निर्मल धारा में आस्था की डुबकी लगाई और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार तथा राष्ट्र उत्थान का संकल्प दोहराया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सनातन धर्म केवल एक आस्था का विषय नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जिसे संपूर्ण विश्व में स्थापित करने का यह स्वर्णिम अवसर है।
योगी सरकार के “एक जनपद-एक उत्पाद” योजना की सराहना
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प्रयागराज की पावन धरा पर सनातन के जयघोष के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “एक जनपद-एक उत्पाद” (ODOP) योजना के अंतर्गत आयोजित प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण किया। उन्होंने वहां विभिन्न उत्पादों को देखा और स्थानीय शिल्पकारों और उद्यमियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
ओडीओपी प्रतिनिधियों से संवाद और सम्मान समारोह
ओडीओपी विभाग के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय सनातन महासंघ अध्यक्ष का भव्य स्वागत किया। उन्हें अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार की यह योजना भारतीय परंपरागत कारीगरी और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने सनातन संस्कृति से जुड़े पारंपरिक व्यवसायों को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, बल्कि सनातन संस्कृति का संरक्षण भी होगा।
सनातन जागरण और भारत के विश्वगुरु बनने की दिशा में प्रयास
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रयागराज का यह महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के जागरण और राष्ट्र निर्माण का महापर्व है। भारत अब पुनः अपनी सांस्कृतिक पहचान को स्थापित कर रहा है, और सनातन धर्म का प्रभाव पूरे विश्व में तेजी से फैल रहा है।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजें तथा सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में योगदान दें। उन्होंने कहा कि जब भारत के प्रत्येक नागरिक में सनातन धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, तब भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर होगा।