
लोकमान्य तिलक और चंद्रशेखर आजाद जयंती पर संस्कृत भारती और सनातन महासंघ ने अर्पित की श्रद्धांजलि

बोले- जितेंद्र प्रताप सिंह, युवाओं में जगे आजाद जैसा स्वाभिमान
दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ।संस्कृत भारती न्यास अवध प्रांत, राष्ट्रीय सनातन महासंघ तथा पुन्हुन समाज के संयुक्त तत्वावधान में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। महानगर के गोल मार्केट स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा एवं बाल गंगाधर तिलक के चित्र पर माल्यार्पण कर उनका जन्म दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया।
इस अवसर पर संस्कृत भारती न्यास एवं राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने दीप प्रज्वलित कर दोनों महापुरुषों को नमन किया और पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा, “लोकमान्य तिलक का ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का उद्घोष और चंद्रशेखर आजाद का ‘मैं आजाद था, आजाद हूं और आजाद ही रहूंगा’ का संकल्प आज भी हर राष्ट्रभक्त को प्रेरणा देता है। उनके विचार और बलिदान ही भारत को सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।”
उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर आजाद का जीवन साहस, स्वाभिमान और राष्ट्रनिष्ठा का प्रतीक है। आज भी युवाओं को उनसे यही सीख लेनी चाहिए कि जीवन का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत सुख-सुविधा नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा, उन्नति और गौरव की रक्षा करना है। आजाद कहा करते थे – “दुश्मन की गोलियों का सामना हम करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे।” जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यही विचार प्रत्येक युवा के मन में आत्मबल का संचार करते हैं और राष्ट्र के प्रति उनके दायित्व को जाग्रत करते हैं।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। पुन्हुन समाज के अध्यक्ष रविंद्र काचरू, पार्षद राकेश मिश्रा, व्यापारी नेता तथा समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा निवेदित की। उपस्थित जनसमूह ने दोनों महापुरुषों के दिखाए राष्ट्रवादी मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और राष्ट्रहित में अपने जीवन को समर्पित करने का दृढ़ निश्चय व्यक्त किया।