नगर निगम में जल निगम और सफाई निरीक्षक पर बिफरे पार्षद, मेयर को भी सुनाई खरी-खरी

दैनिक इंडिया न्यूज़,2 SEP2024लखनऊ: नगर निगम कार्यकारिणी की हालिया बैठक में भाजपा और विपक्षी पार्षदों का गुस्सा साफ तौर पर देखने को मिला। पिछले दो दिनों में कई मुद्दों पर पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने एकता दिखाई, लेकिन जल निगम और सफाई निरीक्षक को लेकर नाराजगी खुलकर सामने आई। भाजपा पार्षदों ने अपनी ही पार्टी की मेयर के खिलाफ नाराजगी जताने के बाद अब जल निगम और सफाई निरीक्षक पर आक्रोश व्यक्त किया है।

जल निगम पर भड़के पार्षद:
सोमवार को नगर निगम सदन में भाजपा पार्षदों ने जल निगम के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि वे बिना किसी पूर्व सूचना के शहर में सड़कें खोद रहे हैं और इससे आम जनता और व्यापारी परेशान हैं। उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता ने कहा कि जल निगम ने शहर के कई इलाकों में सड़कें खोद दी हैं, जिससे व्यापारी पिछले एक साल से परेशान हैं। उन्होंने मांग की कि भविष्य में नगर निगम से संबंधित कोई भी कार्य जल निगम को न दिया जाए। भाजपा पार्षद मुकेश सिंह मोंटी ने चेतावनी दी कि अगर पांच दिनों के भीतर जल निगम के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे नगर आयुक्त के कार्यालय के बाहर धरना देंगे।

सपा पार्षद भी शामिल:
सपा पार्षद दल के नेता कामरान वेग ने भी जल निगम की आलोचना की और बताया कि उनके वार्ड में भी कई स्थानों पर सड़कें खोदी गई हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। वेग ने बताया कि उनके वार्ड में जल निगम की ओर से खोदे गए गड्ढे में एक बच्चा गिर गया, जिससे लोगों में गुस्सा है।

सफाई निरीक्षक पर भी सवाल:
बैठक के दौरान सफाई निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा को लेकर भी विवाद हुआ। द्वितीय वार्ड की पार्षद शिवम उपाध्याय ने आरोप लगाया कि निरीक्षक अभद्र भाषा का प्रयोग करता है और आम जनता व पार्षदों के साथ बदतमीजी करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा और निरीक्षक को तत्काल हटाने की मांग की। इस पर अन्य पार्षद भी समर्थन में खड़े हो गए।

नगर आयुक्त की प्रतिक्रिया:
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने सदन को बताया कि जिस सफाई निरीक्षक की शिकायत की जा रही है, वह सबसे ज्यादा यूजर चार्ज वसूलने वाले अधिकारियों में से एक है और अवैध कार्यों को बंद कराने में सबसे आगे रहता है। हालांकि, सूत्रों और जनता के मुताबिक, यह निरीक्षक अपनी जेब गर्म करने के अलावा आम जनता और पार्षदों से बदतमीजी करने में भी आगे रहता है। पार्षदों का कहना है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में वे चाहते हैं कि विकास कार्य तेजी से हो, लेकिन कुछ अधिकारियों का ध्यान केवल अपनी जेब भरने पर है, जिससे वार्डों में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।

इस्तीफा देने पहुंचे पार्षद:
बैठक के दौरान भाजपा के दो पार्षद, चौक क्षेत्र के अनुराग मिश्रा और न्यू हैदरगंज वार्ड की रजनी गुप्ता, सदन में इस्तीफा देने पहुंचे। अनुराग मिश्रा ने आरोप लगाया कि कुछ पार्षदों को क्रीमीलेयर का हिस्सा मिल रहा है और इसकी जांच होनी चाहिए। इस्तीफा देने को लेकर सदन में हंगामा हुआ, लेकिन भाजपा के अन्य पार्षदों ने उन्हें इस्तीफा देने से रोका।

इस पूरे विवाद के दौरान, महापौर सुषमा खर्कवाल को भी पार्षदों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। भाजपा और विपक्षी पार्षदों ने मिलकर पिछले सदन की बैठक में उठाए गए मुद्दों का समाधान न होने पर नाराजगी व्यक्त की। बैठक में भारी हंगामा हुआ और महापौर को जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन देना पड़ा।

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