नो क्लेम बोनस’ बेकार क्यों जाता है? वाहन बेचते समय ध्यान रखें, क्या है आपका नो क्लेम बोनस?

जानकारी के अभाव में लोग हर साल गँवा रहे करोड़ों रुपये

दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ, 23 अगस्त 2025। क्या आप जानते हैं कि आपकी सुरक्षित ड्राइविंग और जिम्मेदारी का असली इनाम शायद अब तक आपसे छिनता रहा है? अधिवक्ता शिवांश अग्रवाल ने बड़ा खुलासा किया है कि लाखों वाहन मालिक सालों तक बिना क्लेम गाड़ी चलाते हैं, फिर भी उन्हें नो क्लेम बोनस (NCB) का लाभ नहीं मिल पाता। वजह क्या है? ज़्यादातर लोग मान बैठे हैं कि नो क्लेम बोनस (NCB) गाड़ी का होता है, जबकि असलियत यह है कि यह हमेशा व्यक्ति का अधिकार होता है। गाड़ी बेचने के बाद भी अगर आप कंपनी से NCB सर्टिफिकेट ले लें, तो यह 3 साल तक वैध रहता है और नई गाड़ी के बीमे पर अधिकतम 50% तक छूट दिला सकता है। लेकिन जानकारी न होने के कारण यह बोनस हर साल बेकार चला जाता है और बीमा कंपनियां इसका फायदा अपने मुनाफे में बदल लेती हैं। छोटे-मोटे खरोंच और डेंट के लिए क्लेम करने वाले ग्राहक तो और भी बड़ा घाटा उठा लेते हैं, क्योंकि इस चक्कर में आने वाले सालों की भारी छूट से हाथ धो बैठते हैं।

“NCB यानी नो क्लेम बोनस आपकी जिम्मेदार ड्राइविंग का हक़ है, इसे बेकार मत जाने दीजिए।” – अधिवक्ता शिवांश अग्रवाल

हर वाहन मालिक याद रखे – NCB आपका है, गाड़ी का नहीं। सर्टिफिकेट लें, सुरक्षित ड्राइव करें और हर साल बीमे पर हजारों-लाखों रुपये की बचत करें।

क्या आप भी अपनी अच्छी ड्राइविंग का असली इनाम खो रहे हैं?

सुनील गुप्ता पिछले 12 सालों से कार चला रहे हैं। गाड़ी हमेशा सावधानी से चलाते हैं, कभी क्लेम नहीं करवाया। उन्हें लगता था कि बीमा प्रीमियम पूरा-पूरा भरना सामान्य बात है। लेकिन सच उन्हें हाल ही में पता चला—वे सालों से एक ऐसे बोनस से वंचित थे, जो उनकी जेब में लाखों रुपये बचा सकता था। इसे कहा जाता है नो क्लेम बोनस (NCB)।

NCB – आपकी ड्राइविंग का “रिवॉर्ड कार्ड”

यह कोई साधारण छूट नहीं, बल्कि आपकी सुरक्षित ड्राइविंग की पहचान है। पहले साल बिना क्लेम चलाकर दिखाएँ – 20% छूट। लगातार 5–6 साल तक ज़िम्मेदारी से गाड़ी चलाएँ – बीमे पर 50% तक भारी छूट (पूर्व में यह 65% तक थी)। सोचिए, अगर आपने 10–15 साल क्लेम नहीं किया, तो बीमा प्रीमियम लगभग आधा हो सकता है। यह बचत किसी लॉयल्टी बोनस से कम नहीं।

लेकिन असली समस्या यह है कि ज्यादातर लोग गलती से मानते हैं कि यह बोनस वाहन से जुड़ा है – जैसे ही गाड़ी बिकी, बोनस भी खत्म! जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है – NCB हमेशा वाहन स्वामी यानी व्यक्ति का होता है, गाड़ी का नहीं।

सर्टिफिकेट जो बदल सकता है खेल

अधिवक्ता शिवांश अग्रवाल बताते हैं— “अगर गाड़ी बेचते समय आप बीमा कंपनी से NCB सर्टिफिकेट ले लें, तो यह पूरे 3 साल तक वैध रहता है। और जब भी आप नई गाड़ी लें, यह छूट तुरंत आपके काम आती है।” यानी, गाड़ी बदल सकती है, लेकिन आपकी सालों की जिम्मेदारी और सुरक्षित ड्राइविंग का इनाम आपके पास रहना चाहिए।

बीमा कंपनियों की खामोशी और ग्राहकों की गलती

बीमा कंपनियाँ इस जानकारी को अक्सर खुलकर साझा नहीं करतीं। वजह साफ है – जितने लोग NCB के महत्व से अनजान रहेंगे, उतना उनका मुनाफा बढ़ेगा।
लेकिन दूसरी ओर, कुछ ग्राहक भी गैरजिम्मेदारी दिखाते हैं। कई लोग केवल डेंट-पेंट कराने के लिए जानबूझकर अपनी गाड़ियों को नुकसान पहुँचाते हैं और अनर्गल क्लेम उठाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ऐसी गतिविधियाँ बंद हो जाएँ, तो कंपनियों को नो क्लेम बोनस देने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी और जिम्मेदार वाहन स्वामी को उनका हक़ आसानी से मिल सकेगा।

क्यों ज़रूरी है ये समझना?

भारत में लाखों सुरक्षित ड्राइवर वाहन स्वामी हैं जिन्होंने कभी क्लेम नहीं किया। फिर भी, जानकारी के अभाव में वे हर साल करोड़ों रुपये गँवा रहे हैं। अधिवक्ता अग्रवाल कहते हैं— “NCB आपका हक़ है, इसे यूं ही बेकार जाने देना सीधा-सीधा अपनी जेब खाली करना है।”

NCB सिर्फ एक छूट नहीं, बल्कि आपकी अच्छी ड्राइविंग की पहचान और इनाम है। गाड़ी बेचें, लेकिन NCB सर्टिफिकेट ज़रूर लें। छोटी क्लेम से बचें, वरना बड़ी छूट खो बैठेंगे। याद रखिए – यह बोनस आपका है, गाड़ी का नहीं। अगली बार बीमा पॉलिसी नवीनीकरण करें तो सोचें – “कहीं मेरी सुरक्षित ड्राइविंग का इनाम बेकार तो नहीं जा रहा?”

3 साल तक वैध रहता है NCB सर्टिफिकेट

पुरानी गाड़ी बेचने के बाद अगर आप बीमा कंपनी से NCB सर्टिफिकेट ले लें, तो यह पूरे 3 साल तक वैध रहता है। इस दौरान खरीदी गई किसी भी नई गाड़ी पर यह लागू होकर आपके बीमे में 50% तक की छूट दिला सकता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप 2-4 हजार रुपये की मामूली खरोंच या डेंट के लिए क्लेम करते हैं, तो बीमा कंपनी को भले ही 20–30 हजार का खर्च उठाना पड़े, मगर असली घाटा आपको होता है। क्यों? क्योंकि आपका NCB टूट जाता है और आने वाले सालों की बड़ी छूट हमेशा के लिए खत्म हो जाती है।

इसीलिए एक्सपर्ट्स की साफ सलाह है – छोटा नुकसान अपनी जेब से ठीक कराइए, बड़े फायदे को बचाइए।

ड्राइविंग कौशल वालों के साथ अन्याय

देश में लाखों जिम्मेदार वाहन स्वामी / ड्राइवर हैं, जिन्होंने कभी क्लेम नहीं किया। वे सुरक्षित ड्राइविंग करते हैं, लेकिन गाड़ी बेचते समय NCB सर्टिफिकेट लेना भूल जाते हैं। नतीजा—नई गाड़ी पर उन्हें पूरा प्रीमियम भरना पड़ता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि NCB व्यक्ति से जुड़ा होता है, गाड़ी से नहीं। यानी यह छूट आपकी पहचान है, आपकी जिम्मेदारी का असली इनाम है।

अधिवक्ता अग्रवाल का कहना है— “सिर्फ जानकारी के अभाव में लोग हर साल करोड़ों रुपये गंवा रहे हैं। अगर हर वाहन मालिक गाड़ी बेचने के बाद NCB सर्टिफिकेट लेना शुरू कर दे, तो बीमा पर भारी बचत संभव है। यह आपका हक है, इसे बेकार मत जाने दीजिए।”

Share it via Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *