
जब रणनीति, विज्ञान और आत्मबल मिल जाएं, तो भारत जैसा राष्ट्र अजेय बन जाता है



दैनिक इंडिया न्यूज़ ,नई दिल्ली, 11 मई 2025 —
भारत की सीमाएं अब पहले जैसी नहीं रहीं। आज भारत के पास वह प्रहार और प्रतिकार शक्ति है, जो उसे न केवल दक्षिण एशिया का बल्कि पूरी दुनिया का सैन्य महाशक्ति बनाती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है – S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे भारत ने रूस से खरीदा और जिसे रणनीतिक कवच का दर्जा मिला।
कितनी महंगी है ये सुरक्षा – पाकिस्तान के लिए सपना, भारत के लिए सच्चाई
भारत ने 2018 में रूस के साथ 5.43 बिलियन डॉलर (लगभग ₹40,000 करोड़) का समझौता किया, जिसके तहत 5 S-400 स्क्वाड्रन भारत को मिलने थे।
इस हिसाब से:
- 1 S-400 स्क्वाड्रन की कीमत ≈ ₹8,000 करोड़
- 8 स्क्वाड्रनों की कीमत = ₹64,000 करोड़
अब गौर कीजिए:
पाकिस्तान का रक्षा बजट 2024-25 है: PKR 2.122 ट्रिलियन (लगभग ₹64,000 करोड़)
यानी भारत के पास केवल 8 S-400 स्क्वाड्रन हों, तो वह पाकिस्तान के पूरे रक्षा बजट पर भारी पड़ता है।
S-400: हवा में उठने से पहले ही मार गिराने की ताकत
- 400 किमी तक हवा में उड़ती किसी भी मिसाइल, जेट, या ड्रोन को ध्वस्त कर सकता है
- 600 किमी तक ट्रैकिंग और 36 लक्ष्यों पर एकसाथ प्रहार की क्षमता
- 72 मिसाइलों को एक साथ गाइड करने की तकनीक
- 5 मिनट के भीतर तैनात हो सकता है युद्ध की स्थिति में
आज भारत के पास पहले से ही 3 स्क्वाड्रन तैनात हैं — पंजाब, राजस्थान और सिक्किम में, और बाकी जल्द ही आ रहे हैं। मतलब, पूरे उत्तर भारत से लेकर पूर्वोत्तर तक भारत अब एक अदृश्य सुरक्षा दीवार में ढंका है।
भारत की रणनीति स्पष्ट है: न झुकेंगे, न रुकेंगे, बस हर मोर्चे पर मजबूत रहेंगे
जहां पाकिस्तान आज भी चीन की सहायता पर निर्भर है, वहीं भारत ने यह साबित कर दिया है कि “आत्मनिर्भर भारत” सिर्फ नारा नहीं, बल्कि धरातल पर उतरती रणनीति है।
S-400 भारत का ‘सुदर्शन चक्र’ है — जो अन्याय, आतंक और आक्रमण पर सटीक प्रहार करता है।
गर्व करें, यह नया भारत है:
- जो रक्षा के लिए भी आक्रामक है
- जो तकनीक और परंपरा को साथ लेकर चलता है
- और जो दुनिया को यह बताता है कि शांति उसकी प्राथमिकता है, पर कमजोर समझने की भूल न की जाए।
जय हिन्द। वंदे मातरम्