ब्रह्मोस फैसिलिटी से उभरेगा नया उत्तर प्रदेश, लखनऊ बनेगा ‘मिसाइल सिटी

दैनिक इंडिया न्यूज,लखनऊ, 11 मई। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के शुभ अवसर पर लखनऊ की धरती पर देश की सैन्य शक्ति को नई उड़ान मिली। ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी और स्ट्रैटेजिक मटेरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण भारत के यशस्वी रक्षा मंत्री और लखनऊ के लोकप्रिय सांसद श्री राजनाथ सिंह द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया।

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक और मध्य प्रदेश भाजपा प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह उपस्थित रहे। सभी ने गर्व के साथ कहा कि यह हम सबके लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि देश के रक्षा मंत्री स्वयं लखनऊ से सांसद हैं, और उनके नेतृत्व में लखनऊ को यह ऐतिहासिक सौगात प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,
“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के विजन को मूर्त रूप देते हुए उत्तर प्रदेश आज रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। ब्रह्मोस फैसिलिटी की स्थापना से प्रदेश को सामरिक दृष्टि से अपार मजबूती मिलेगी। डीआरडीओ और समस्त प्रदेशवासियों को इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई।”

गौरतलब है कि ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जो ध्वनि की गति से तीन गुना तेज़ यानी मैक 2.8 से 3.0 की रफ्तार से अपने लक्ष्य को भेद सकती है। इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर से अधिक है और यह जल, थल और नभ—तीनों से दागी जा सकती है। इस अत्याधुनिक मिसाइल के निर्माण और परीक्षण केंद्र का लखनऊ में आरंभ होना, भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता को सशक्त करेगा और पाकिस्तान जैसे शत्रु राष्ट्रों के लिए एक करारा संदेश होगा।

राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष श्री जितेंद्र प्रताप सिंह ने कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर ही रक्षा मंत्री को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा:
“श्री राजनाथ सिंह हम सबके अभिभावक हैं। उनके नेतृत्व में जो राष्ट्रहित में कार्य हो रहे हैं, वे प्रेरणादायक हैं। यह हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि लखनऊ जैसी ऐतिहासिक भूमि पर अब मिसाइल निर्माण जैसी सामरिक गतिविधियां होंगी। आने वाले समय में लखनऊ ‘मिसाइल सिटी’ के नाम से जाना जाएगा।”

यह परियोजना सिर्फ एक रक्षा निर्माण केंद्र नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है। अब लखनऊ केवल तहज़ीब और संस्कृति की राजधानी नहीं, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक भी बन गया है।

ब्रह्मोस अब लखनऊ से बोलेगा, और भारत की आवाज़ सीमाओं के पार गूंजेगी। जय हिंद!

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