

दैनिक इंडिया न्यूज़ नई दिल्ली नई दिल्ली।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री जन नकातानी के बीच नई दिल्ली में हुई द्विपक्षीय बैठक ने भारत-जापान संबंधों को एक नई ऊँचाई पर पहुंचा दिया है। यह सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि दो लोकतांत्रिक राष्ट्रों के बीच साझा दर्द, सुरक्षा की समझ और भविष्य की साझा रणनीति का प्रतीक बनी।
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और सीमापार आतंकवाद पर विस्तृत चर्चा की। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि जन नकातानी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत के साथ गहरी संवेदना प्रकट की और कहा कि “भारत इस संकट में अकेला नहीं है, जापान उसके साथ खड़ा है।”

राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जाएंगे, और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ सहयोग और संवाद को और मज़बूती दी जाएगी।

बैठक में यह भी तय हुआ कि भारत और जापान आने वाले समय में रक्षा अभ्यासों, तकनीकी सहयोग और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान को और सुदृढ़ करेंगे। दोनों पक्षों ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की और इस बात पर सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई वैश्विक स्तर पर मिलकर लड़ी जानी चाहिए।

इस मुलाकात के बाद राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत देशवासियों ने राजनाथ सिंह के इस मजबूत नेतृत्व को नमन किया। उनके स्पष्ट और दृढ़ रवैये ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं करता, बल्कि रणनीतिक रूप से नेतृत्व करता है।
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