कुम्भ कलश और प्रतीक चिह्न भेंट कर कर्नाटकवासियों को महाकुंभ में भाग लेने का दिया न्योता
दैनिक इंडिया न्यूज़ 14 दिसंबर 2024, लखनऊ।
प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार देशभर में व्यापक स्तर पर आमंत्रण भेज रही है। इसी क्रम में आज उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बेंगलुरु में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से भेंट की। उन्होंने महाकुंभ 2025 का निमंत्रण पत्र, कुंभ कलश, और कुंभ का प्रतीक चिह्न भेंट करते हुए मुख्यमंत्री सहित कर्नाटकवासियों को महाकुंभ में भाग लेने का आमंत्रण दिया।
महाकुंभ: भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से बातचीत में महाकुंभ की पौराणिक, सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का सबसे बड़ा प्रतीक है। यह आयोजन केवल स्नान और पूजन तक सीमित नहीं है, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस बार का महाकुंभ पहले से अधिक स्वच्छ, सुरक्षित, सुव्यवस्थित और भव्य होगा।
नरेंद्र कश्यप ने महाकुंभ की दिव्यता पर जोर देते हुए कहा कि महाकुंभ आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है। यह आयोजन भारतीय सभ्यता के गौरव को वैश्विक स्तर पर पुनर्स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाकुंभ का आमंत्रण
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से भेंट के बाद दोनों मंत्रियों ने बेंगलुरु के पेरिस परिसर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के निवासियों को महाकुंभ 2025 में भाग लेने का न्योता दिया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक मेला नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना, और राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करने वाला पर्व है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज का त्रिवेणी संगम धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक है, और यह महाकुंभ कर्नाटकवासियों के लिए भी विशेष अनुभव लेकर आएगा।
नरेंद्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार इस आयोजन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कर्नाटकवासियों को इस अद्वितीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।
महाकुंभ 2025: दिव्य, भव्य और डिजिटल आयोजन
मंत्रियों ने बताया कि महाकुंभ 2025 को ‘दिव्य, भव्य, और डिजिटल’ बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। डेढ़ लाख शौचालय, 5,000 यूरिनल, और 350 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। तीन लाख पौधों का रोपण किया गया है और सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। श्रद्धालुओं के लिए विशेष ऐप, क्यूआर कोड आधारित पास, और बहुभाषी डिजिटल साइनेज की सुविधा उपलब्ध होगी।
सुरक्षा के लिए प्रयागराज को सात स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा जाएगा, जिसमें 2,750 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी होगी। 10,000 से अधिक संस्थाएं इस महाकुंभ में भाग लेंगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत 100 बेड का अस्पताल, 10 बेड के दो आईसीयू, और 3 लाख से अधिक लोगों को नेत्र कुंभ में मुफ्त चश्मे और दवाएं वितरित की जाएंगी।
सांस्कृतिक संबंधों को किया मजबूत
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने रामचरितमानस की चौपाई उद्धृत करते हुए कहा,
“चार पदारथ भरा भंडारू, पुण्य प्रदेश देश अति चारू” —
यह चौपाई प्रयागराज की महिमा का वर्णन करती है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराना है।
नरेंद्र कश्यप ने कहा कि महाकुंभ में स्नान केवल धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने का अनुभव है। यह आयोजन भारत के कोने-कोने से श्रद्धालुओं को जोड़ता है।
मंत्रियों ने बताया कि यूनेस्को ने महाकुंभ को विश्व मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया है। इस बार 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
इस निमंत्रण के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 को एक वैश्विक आध्यात्मिक आयोजन के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।