
- ‘परख’ राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 की रिपोर्ट जारी
- तीसरी कक्षा के छात्रों ने भाषा और गणित में पहली बार राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया
- प्रदेश के सभी 75 जिलों ने 4 दिसंबर 2024 को आयोजित सर्वेक्षण में लिया भाग
- “नीति, योजना और क्रियान्वयन में संतुलन से आता है शैक्षिक परिवर्तन” — बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह
दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ ।20 जून — उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में अपनी बढ़ती साख का प्रमाण दिया है। हाल ही में जारी ‘परख’ राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों ने भाषा और गणित दोनों विषयों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर अंक प्राप्त किए हैं — जो कि राज्य के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है।
यह व्यापक सर्वेक्षण 4 दिसंबर 2024 को आयोजित किया गया था, जिसमें प्रदेश के सभी 75 जिलों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
तीसरी कक्षा में ऐतिहासिक सुधार
रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी कक्षा के छात्रों ने भाषा में औसत 68 अंक और गणित में 64 अंक अर्जित किए, जबकि राष्ट्रीय औसत क्रमशः 64 और 60 रहा। यह प्रगति प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में आई उल्लेखनीय सुधार को दर्शाती है। कासगंज, शामली, औरैया, अम्बेडकरनगर और महोबा जैसे जिलों ने इस वर्ग में शानदार प्रदर्शन किया।
यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 के नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS) में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय औसत से पीछे था, परंतु अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है।
कक्षा 6 और 9 में भी दिखी सकारात्मक प्रवृत्ति
छठी कक्षा के छात्रों ने भी निरंतर सुधार का प्रदर्शन किया। भाषा में औसत 55 अंक (राष्ट्रीय औसत 57) और गणित में 45 अंक (राष्ट्रीय औसत 46) प्राप्त हुए। खास बात यह रही कि सरकारी विद्यालयों के छात्रों ने विशेष सराहनीय प्रदर्शन किया। कानपुर नगर, श्रावस्ती, कासगंज, शामली और अलीगढ़ इस श्रेणी में अग्रणी जिले रहे।
वहीं, विषयों की जटिलता बढ़ने के बावजूद कक्षा 9 के छात्रों ने उल्लेखनीय प्रगति की। विज्ञान में 38 अंक, गणित में 34 अंक और सामाजिक विज्ञान में 37 अंक प्राप्त हुए, जबकि राष्ट्रीय औसत क्रमशः 40, 37 और 40 रहा। इस वर्ग में वाराणसी, कानपुर नगर, अयोध्या, प्रयागराज और शामली जिलों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
नीति से नतीजे तक: शिक्षा में व्यापक बदलाव
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री श्री संदीप सिंह ने कहा, “‘परख’ सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश की उपलब्धि यह दर्शाती है कि यदि नीति, योजना और क्रियान्वयन में संतुलन हो, तो सबसे बड़े राज्य भी शिक्षा में नए मानक स्थापित कर सकते हैं। यह केवल आंकड़ों की सफलता नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर हो रहे गहन शैक्षिक सुधारों का प्रमाण है। हमें विश्वास है कि आने वाले वर्षों में यह परिवर्तन और व्यापक और सुदृढ़ होगा।”
SCERT के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने बताया कि इस सर्वेक्षण में कुल 2,53,720 छात्र, 30,817 शिक्षक और 8,865 विद्यालयों ने भाग लिया। इनमें सरकारी, सहायता प्राप्त, निजी, मदरसा, CBSE, ICSE, नवोदय और केंद्रीय विद्यालय शामिल थे।
मूल्यांकन की संरचना
कक्षा 3: 90 मिनट की परीक्षा — भाषा, गणित और ‘हमारे चारों ओर की दुनिया’ विषयों पर।
कक्षा 6 और 9: क्रमशः 90 और 120 मिनट की परीक्षा — भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में।
शिक्षा सुधारों के सूत्रधार
उत्तर प्रदेश में हुए इस सकारात्मक परिवर्तन के पीछे NIPUN भारत मिशन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसका उद्देश्य प्रारंभिक कक्षाओं में सीखने के परिणामों को बेहतर बनाना है। इसके अलावा, शिक्षकों की क्षमता वृद्धि के लिए नियमित प्रशिक्षण, कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों का अधोसंरचनात्मक विकास, तथा अभिभावकों और समुदाय की भागीदारी ने भी शिक्षण परिवेश को मजबूती दी है।
संक्षिप्त स्कोर तालिका
| कक्षा | विषय | उत्तर प्रदेश | राष्ट्रीय औसत | |——-|———————|—————-|——————| | 3 | भाषा | 68 | 64 | | 3 | गणित | 64 | 60 | | 3 | हमारे चारों ओर | 48 | 49 | | 6 | भाषा | 55 | 57 | | 6 | गणित | 45 | 46 | | 9 | विज्ञान | 38 | 40 | | 9 | गणित | 34 | 37 | | 9 | सामाजिक विज्ञान | 37 | 40 |