
दैनिक इंडिया न्यूज़,नई दिल्ली, 22 मई।
राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज समाज सुधारक राजा राममोहन राय की जयंती पर मीडिया को संबोधित करते हुए उन्हें “सनातन संस्कृति के जाग्रत प्रहरी” बताया। उन्होंने कहा, “राजा राममोहन राय न केवल सती प्रथा जैसे अमानवीय कुप्रथा के विरोधी थे, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज में वैदिक चेतना के आलोक को पुनर्स्थापित करने का कार्य किया। ”उन्होंने कहा कि राजा राममोहन राय का जीवन सनातन धर्म के उस आदर्श का परिचायक है, जिसमें ‘परिवर्तन के माध्यम से शुद्धि’ का सिद्धांत निहित है। वे वेदों के ज्ञाता, तर्कशील चिंतक और आत्मा की स्वतंत्रता के पक्षधर थे। उन्होंने ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना कर सामाजिक चेतना को नया आयाम दिया। “राजा राममोहन राय की जयंती पर हम सभी को चाहिए कि हम उनके विचारों और कर्मों को आत्मसात कर सनातन धर्म के मूल सिद्धांत—करुणा, ज्ञान और न्याय—को अपने जीवन में उतारें,” जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा।
अध्यक्ष ने यह भी आग्रह किया कि आज की पीढ़ी को चाहिए कि वह राजा राममोहन राय जैसे समाज नायकों के योगदान को जाने और उनसे प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें।