राज्य की कानून व्यवस्था को मिलेगी नई दिशा: मुख्यमंत्री योगी से भेंट कर कार्यभार संभालने के बाद सक्रिय हुए डीजीपी राजीव कृष्ण

दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नव नियुक्त कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने 1 जून 2025 को पदभार ग्रहण करने के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास, 5-कालिदास मार्ग, लखनऊ में शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य की कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध और पुलिस आधुनिकीकरण जैसे विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया।

राजीव कृष्ण 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्होंने प्रशांत कुमार का स्थान लिया है, जो 31 मई 2025 को सेवा निवृत्त हुए। उत्तर प्रदेश के विभिन्न संवेदनशील और महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके राजीव कृष्ण को तेजतर्रार, तकनीक-प्रेमी और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाना जाता है।

राज्य पुलिस की कमान संभालने के बाद उन्होंने 10 सूत्रीय प्राथमिकता योजना जारी की है, जिसमें कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देना, महिला सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना, साइबर अपराध की रोकथाम, पुलिस बल को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अत्याधुनिक फॉरेंसिक उपकरणों से लैस करना तथा जनता की शिकायतों के शीघ्र निवारण हेतु IGRS व जनसुनवाई प्रणाली को प्रभावी बनाना प्रमुख बिंदु हैं।

पदभार संभालने से पूर्व वे डीजी सतर्कता अधिष्ठान के रूप में कार्यरत थे। इससे पहले वे लखनऊ और आगरा के एडीजी समेत, एटीएस के संस्थापक प्रमुख जैसे पदों पर रह चुके हैं। उनकी गिनती उन अधिकारियों में होती है, जिन्होंने फील्ड से लेकर नीति निर्माण तक पुलिस व्यवस्था में सकारात्मक योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री से भेंट के बाद डीजीपी ने कहा कि वे योगी सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करते हुए जनता को सुरक्षित, संवेदनशील और आधुनिक पुलिस सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य में कानून का राज स्थापित करना और अपराध पर नियंत्रण पाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

इसी क्रम में सीकरी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह ने डीजीपी राजीव कृष्ण को उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की नई जिम्मेदारी संभालने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आशा जताई कि राजीव कृष्ण के नेतृत्व में पुलिस व्यवस्था और अधिक पारदर्शी, प्रभावी तथा धर्म-संस्कृति के रक्षक रूप में सशक्त होगी। अध्यक्ष ने कहा कि सनातन मूल्यों की रक्षा में प्रशासन की सजगता अत्यंत आवश्यक है, और डीजीपी का अनुभव निश्चित ही इस दिशा में लाभदायक सिद्ध होगा।

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