
दैनिक इंडिया न्यूज़ वाराणसी।रामनगर की ऐतिहासिक और विश्वविख्यात रामलीला भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध गिट्टी-बालू भंडारण कर कब्जे की नापाक कोशिश सामने आई है। यह भूमि ऑल इंडिया काशीराज ट्रस्ट की पवित्र संपत्ति है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु रामलीला के दिव्य मंचन के साक्षी बनते हैं। स्थानीय पंपासर क्षेत्र, जहां यह मंचन होता है, वहीं पर अनधिकृत रूप से भंडारण किया गया है, जिसे लेकर दुर्ग प्रशासन सतर्क हो गया है।
दुर्ग के सुरक्षा अधिकारी कैप्टन राजेश शर्मा ने स्पष्ट किया है कि ट्रस्ट की इस भूमि पर न तो भंडारण की कोई अनुमति दी गई है और न ही ऐसा करने की इजाज़त भविष्य में दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी दुर्ग प्रशासन की ओर से ऐसे अतिक्रमणकारियों को चेतावनी दी जा चुकी है। बावजूद इसके भूमाफिया लगातार इस पवित्र भूमि पर कब्जा जमाने का दुस्साहस कर रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो यह अतिक्रमण किसी अंदरूनी मिलीभगत का परिणाम हो सकता है, क्योंकि चर्चाएं हैं कि किले के ही एक पूर्व कर्मचारी की संदिग्ध भूमिका इसमें रही है, जिससे इस गंभीर मामले की जानकारी ट्रस्ट के उत्तराधिकारी कुंवर अनंत नारायण तक नहीं पहुंच पाती।
गौरतलब है कि हाल ही में पंचवटी क्षेत्र में संचालित अवैध भूसा मंडी के खुलासे के बाद दुर्ग प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना हो गया है। अब रामलीला भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की व्यापक रणनीति तैयार की जा रही है, जिसमें दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण कुमार गुप्ता ने इस अवैध कब्जे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह लाखों रामभक्तों की भावनाओं को आहत करता है। यह न केवल सनातन आस्था का अपमान है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत पर सीधा हमला है।
भूमाफियाओं को यह भूलना नहीं चाहिए कि जब तक उत्तर प्रदेश की सत्ता में सनातन धर्म रक्षक योगी आदित्यनाथ जैसे दृढ़ इच्छाशक्ति वाले मुख्यमंत्री हैं, तब तक कोई भी सनातन विरोधी तत्व हमारी धार्मिक विरासत पर आंख उठाने का दुस्साहस नहीं कर सकता। यह पावन भूमि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीला स्थली है, और इसका संरक्षण प्रत्येक भारतवासी का धर्म है।