

डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत टाइटेनियम प्लांट और 7 अत्याधुनिक परियोजनाओं की नींव रखी गई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नियुक्ति पत्र प्रदान किए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअली कार्यक्रम में लिया भाग

दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ। भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया। यह प्रोजेक्ट भारत के “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियानों के तहत रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
इस अवसर पर टाइटेनियम एवं सुपर एलॉय मैटेरियल प्लांट का भी उद्घाटन हुआ और स्ट्रैटजिक मैटेरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स की सात प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। इसमें एयरोस्पेस प्रेसिसन कास्टिंग प्लांट, फोर्ज शॉप, पाउडर मैटलर्जी फैसिलिटी और स्ट्राइड एकेडमी जैसी यूनिट्स शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए कहा कि, “डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश को निवेश, रोजगार और तकनीकी विकास का केंद्र बनाया है। अब राज्य जल्द ही दुनिया के शीर्ष रक्षा उत्पादन और निर्यात केंद्र के रूप में पहचान बनाएगा।”
वर्चुअल माध्यम से जुड़े रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “सिर्फ 40 महीनों में ब्रह्मोस इंटीग्रेशन सेंटर की स्थापना हो सकी, यह मुख्यमंत्री जी की दूरदृष्टि और प्रशासनिक दक्षता का परिणाम है। आज उत्तर प्रदेश रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में क्रांतिकारी बदलाव की राह पर अग्रसर है।”
उन्होंने याद दिलाया कि यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नेशनल टेक्नोलॉजी डे भी है — वह दिन जब 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पोखरण परमाणु परीक्षण कर भारत ने वैश्विक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की थी।
डिफेंस कॉरिडोर: निवेश और रोजगार का नया केंद्र
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत छह नोड — लखनऊ, कानपुर, झांसी, चित्रकूट, आगरा और अलीगढ़ — में कार्य जारी है। अब तक 180 एमओयू किए जा चुके हैं, जिनमें ₹34,000 करोड़ से अधिक निवेश प्रस्तावित है और ₹4,000 करोड़ का निवेश पहले ही हो चुका है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारा सपना है कि यूपी सिर्फ भारत का नहीं, बल्कि विश्व का डिफेंस एक्सपोर्ट हब बने। लखनऊ, कानपुर जैसे ऐतिहासिक औद्योगिक शहरों को पुनः उनके गौरव की ओर अग्रसर किया जा रहा है।”
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम
ब्रह्मोस इंटीग्रेशन फैसिलिटी के माध्यम से अब मिसाइल निर्माण की प्रक्रिया भारत में ही पूर्ण रूप से संभव हो सकेगी। इससे न केवल देश की रक्षा क्षमताएं मजबूत होंगी, बल्कि अन्य देशों पर रक्षा सामग्री के लिए निर्भरता भी समाप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं को बधाई देते हुए कहा, “आतंकवाद को कुचलने के लिए पूरे भारत को एकजुट होने का समय आ गया है।”