“हर हाल में धर्म और राष्ट्र के प्रति अडिग रहना ही जीवन का सत्य” – गोरखनाथ मंदिर में गरजे CM योगी

भागवत कथा केवल श्रवण नहीं, सनातन धर्मावलंबियों के लिए मुक्ति का मार्ग: मुख्यमंत्री

दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ, 10 सितम्बर 2025। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा जीवन को ज्ञान से आलोकित करने वाली, भक्ति से जोड़ने वाली और मुक्ति का मार्ग दिखाने वाली है। सनातन धर्म के प्रति अडिग रहना ही इसका वास्तविक संदेश है।

मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में आयोजित युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 56वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 11वीं पुण्यतिथि पर चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के विराम सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कथा का श्रवण किया और व्यासपीठ की आरती उतारी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पाँच हजार वर्ष पूर्व स्वामी शुकदेव जी ने मृत्यु के भय से ग्रसित महाराज परीक्षित को निर्भय बनाने हेतु श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कराया था। तब से यह कथा कोटि-कोटि सनातन धर्मावलंबियों के लिए मुक्ति का माध्यम बनी हुई है। भारत की ऋषि परंपरा उद्घोष करती है कि मानव जन्म दुर्लभ है और सनातन भारत ने ही इस अमूल्य कथा का उपहार विश्व को दिया है।

योगी आदित्यनाथ ने दोहराया कि किसी भी परिस्थिति में बिना झुके, बिना रुके और बिना डिगे धर्म और राष्ट्र के प्रति समर्पण बनाए रखना ही सनातन जीवन का आधार है।

उन्होंने कथा व्यास, परिधान पीठ गोपाल मंदिर अयोध्या धाम से पधारे जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने सहजता से कथा का श्रवण कराया, जिसका लाभ मंदिर परिसर के साथ-साथ मीडिया के माध्यम से लाखों लोगों ने उठाया। अगले वर्ष उनके श्रीमुख से श्रीराम कथा का भी आयोजन होगा।

इस अवसर पर मस्तनाथ पीठ रोहतक (हरियाणा) के महंत व राजस्थान विधानसभा के विधायक महंत बालकनाथ, जूनागढ़ से महंत शेरनाथ, काशी से जगद्गुरु स्वामी संतोषाचार्य ‘सतुआ बाबा’, नैमिषारण्य से स्वामी विद्या चैतन्य, अयोध्या हनुमानगढ़ी से महंत राजूदास, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ सहित बड़ी संख्या में संत-महंत, यजमानगण और श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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