भगवान हनुमान जी को कांग्रेस विधायक ने
बताया आदिवासी
, ट्राइबल लीडर ने कर दिया पलटवार
दैनिक इंडिया न्यूज : अब सियासत में प्रभु श्रीराम के बाद भगवान हनुमान का प्रवेश हो गया है। पहले कर्नाटक और अब मध्यप्रदेश में चुनावी वर्ष में हनुमान जी को सियासी मंच पर देखा जा रहा है। वर्तमान में एक मामले में धार जिले में कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने हनुमान को आदिवासी बताते हुए एक बड़ा बयान दिया है। उमंग सिंघार द्वारा हनुमान को आदिवासी के रूप में प्रस्तुत करने वाले उक्त बयान का सोशल मीडिया पर व्यापक प्रसार हो रहा है। मध्य प्रदेश के एक कांग्रेस विधायक ने भगवान हनुमान जी को आदिवासी घोषित कर दिया है। यह दावा पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने शुक्रवार को धार जिले में एक रैली में किया।
धार जिले के गंधवानी निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि सिंघार ने कहा कि भगवान हनुमान आदिवासी ही थे जो भगवान राम को लंका लेकर गए थे। उन्होंने दावा किया कि कुछ लेखकों ने अपनी कहानियों में बंदरों की एक सेना का वर्णन किया है, लेकिन यह सच नहीं है। वास्तविकता में, सभी आदिवासी थे जो जंगल में निवास करते थे।
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पुण्यतिथि पर सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक और कांग्रेसी विधायक उमंग सिंघार ने कहा है कि भगवान श्रीराम को लंका तक पहुंचाने वाली वानर सेना नहीं, बल्कि आदिवासी जनजाति की सेना थी। उन्होंने भगवान हनुमान को भी आदिवासी बताया है। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि कहानीकारों ने भ्रमित करने का काम किया है। जब बेर खिलाने की आवश्यकता थी, तब आदिवासी लोग आए और जब लंका जाने की आवश्यकता थी, तो वानर सेना आई। लेकिन मैं कहता हूँ कि हनुमान जी आदिवासी थे, इसलिए हमें गर्व से कहना चाहिए कि हम आदिवासी हैं।
मध्यप्रदेश के किसी कांग्रेस विधायक द्वारा हनुमान जी को आदिवासी बताने का यह पहला मामला नहीं है। पहले ही 7 मई को सिवनी जिले के बरघाट से कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने भगवान हनुमान को भी आदिवासी बताया था। उन्होंने कहा था कि भगवान बजरंग बली एक आदिवासी वनवासी थे जिन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की रक्षा की थी। इसके अलावा, अर्जुन काकोड़िया ने कुछ दिनों पहले भगवान शंकर को भी आदिवासी बताया था। पहले भी कांग्रेस के एक विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया ने भगवान शिव और बजरंगबली या भगवान हनुमान को आदिवासी कहा था।
ट्राइबल लीडर व पूर्व मंत्री रंजना बघेल ने दिया जवाब
सिंघार के बयान पर ट्राइबल लीडर और पूर्व मंत्री रंजना बघेल ने पलटवार करते हुए कहा, “6 महीने तक ये पता नहीं कौन सी गुफा में तडीपार हो गए थे, और वहां पर तुलसीदास जी रामायण को न पड़ते हुए खुद की रामायण बना ली. इनमें कभी ट्राइबल का नेचर रहा ही नहीं. वो ट्राइबल की संस्कृति आज भी नहीं जानते, वो शहरों में रहे हैं, उन्हें ट्राइबल की संस्कृति का नॉलेज नहीं है।”
भाजपा का पलटवार
हितेश बाजपेयी, मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता, ने उस बयान पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया:”हनुमान जी को भगवान नहीं मानते! हनुमान जी को हिंदू पूज्य नहीं मानते! हनुमान जी का अपमान करते हैं!” उन्होंने सवाल पूछा कि क्या वह कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री नहीं हैं जिन पर बलात्कार और यौन शोषण का आरोप है? और पुलिस की गिरफ्तारी से भाग रहे हैं? क्या हनुमान जी के लिए कांग्रेस की यही सोच है? भाजपा नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को टैग करते हुए कहा कि क्या कांग्रेस आपके इशारे पर कैथोलिक पादरियों की भाषा बोल रही है जो धर्मांतरण कराते हैं।