दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ महानगर, 21 जून 2024 – संस्कृत भारती न्यास अवध प्रांत के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सैकड़ों लोगों के साथ योगाभ्यास किया और योग के वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने योग और सनातन धर्म के गहरे संबंधों पर चर्चा करते हुए बताया कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, “योग की एक ऐसी विद्या है जिसे अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य को परमाणु बना सकते हैं। यह केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण जीवन पद्धति है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करती है।” उन्होंने बताया कि आधुनिक वैज्ञानिक शोधों ने भी यह सिद्ध कर दिया है कि योग के नियमित अभ्यास से विभिन्न बीमारियों से बचाव होता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।
योग और विज्ञान
सिंह ने अपने संबोधन में कई वैज्ञानिक अध्ययनों का हवाला दिया जो योग के लाभों को प्रमाणित करते हैं। उन्होंने बताया कि हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और अन्य प्रमुख संस्थानों द्वारा किए गए शोध यह दिखाते हैं कि योग से तनाव में कमी आती है, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और संपूर्ण शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
तनाव प्रबंधन: विभिन्न शोधों से यह सिद्ध हुआ है कि योग के नियमित अभ्यास से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। दीपक चोपड़ा जैसे विशेषज्ञों ने भी यह बताया है कि योग से हमारे तंत्रिका तंत्र में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं जिससे हम मानसिक तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं।
हृदय स्वास्थ्य: सिंह ने कहा कि योग और प्राणायाम जैसे अभ्यासों से हृदय स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट्स के अनुसार, नियमित योग अभ्यास से उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर में कमी आती है, जो हृदय रोगों की संभावना को कम करता है।
शारीरिक लाभ: विभिन्न योग आसनों से शारीरिक लचीलापन, मांसपेशियों की शक्ति और सहनशक्ति में वृद्धि होती है। यह भी पाया गया है कि योग के माध्यम से जोड़ों की सूजन और दर्द में कमी आती है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी स्थितियों में राहत मिलती है।
योगाभ्यास का आयोजन
आज के कार्यक्रम में, जितेंद्र प्रताप सिंह ने योग के विभिन्न आसनों का प्रदर्शन किया और उनके लाभों को विस्तार से बताया। उपस्थित लोगों ने सूर्य नमस्कार, वृक्षासन, ताड़ासन, भुजंगासन, और शवासन जैसे योगासन किए। सिंह ने प्रत्येक आसन के वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक महत्व पर भी प्रकाश डाला।
उन्हेंने बताया कि योग केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने में मदद करती है। सिंह ने कहा कि योगाभ्यास से हम अपनी श्वास की गति को नियंत्रित कर सकते हैं जिससे श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता में सुधार होता है और हमें अधिक ऑक्सीजन प्राप्त होती है।
सनातन और योग
जितेंद्र प्रताप सिंह ने योग के सनातन धर्म के साथ संबंध को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “योग हमारी प्राचीन धरोहर है जो वेदों और उपनिषदों में उल्लिखित है। यह हमें आत्मा के साथ संबंध स्थापित करने में मदद करता है और हमें हमारे सच्चे स्वरूप का अनुभव कराता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग केवल शारीरिक क्रियाएं नहीं हैं, बल्कि यह ध्यान और समाधि के माध्यम से आत्मा की शुद्धि का मार्ग भी है।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का समापन एक सामूहिक ध्यान सत्र से हुआ जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने शांत वातावरण में ध्यान किया और योग के महत्व को आत्मसात किया। सिंह ने सभी को नियमित योगाभ्यास करने और इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।
जितेंद्र प्रताप सिंह का यह कार्यक्रम न केवल योग के शारीरिक और मानसिक लाभों को उजागर करने में सफल रहा, बल्कि उसने लोगों को योग के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व से भी परिचित कराया। इस योग दिवस पर उन्होंने योग को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संदेश दिया और सभी को स्वस्थ और संतुलित जीवन की ओर प्रेरित किया।