प्रतियोगिता में विजेताओं को को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया
दैनिक इंडिया न्यूज,लखनऊ।मुख्यमंत्री ने आज यानी 24 जनवरी को अवध शिल्प ग्राम में उत्तर प्रदेश दिवस समारोह का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने इसरो की वैज्ञानिक डॉ0 रितु करिधल श्रीवास्तव तथा उद्यमी श्री नवीन तिवारी को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान प्रदान किया। उन्होंने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा ओ0डी0ओ0पी0 योजना के अन्तर्गत 05-05 हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को टूलकिट का वितरण किया।
मुख्यमंत्री ने MSME पुरस्कार के अन्तर्गत 01 उद्यमी को उत्तर प्रदेश उद्यमी पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने सूक्ष्म उद्यम श्रेणी, लघु उद्यम श्रेणी, मध्यम उद्यम श्रेणी तथा सर्वश्रेणी के अन्तर्गत 01-01 उद्यमी को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने विशिष्ट हस्तशिल्प प्रादेशिक पुरस्कार के अन्तर्गत 04 लाभार्थियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने एक हस्तशिल्पी को दक्षता पुरस्कार प्रदान किया। मुख्यमंत्री जी ने 03 बुनकरों को संतकबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार तथा 03 उद्यमियों को ईको एवं हेरिटेज टूरिज्म पुरस्कार वितरित किये। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के 06 विजेताओं को भी पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री जी ने ODOP उत्पादों की ई-मार्केटिंग के लिए ‘ODOP मार्ट पोर्टल’ को लॉन्च किया। झांसी, अयोध्या, लखनऊ, पूर्वांचल तथा ब्रज सहित जम्मू-कश्मीर के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल में भारत के 16 महाजनपदों में से 08-काशी, कौशल, मल्ल, चेदि, वत्स, कुरु, पाँचाल और शूरसेन उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में आते थे। अलग-अलग समय में अवध, कान्यकुब्ज, काशी, रुहेलखण्ड तथा बुन्देलखण्ड उत्तर प्रदेश का भाग रहे। ब्रिटिश शासन के दौरान इसे पश्चिमी प्रान्त, उत्तर पश्चिम प्रान्त, आगरा और अवध का संयुक्त प्रान्त आदि नामों से जाना गया। वर्ष 1937 से 1950 तक उत्तर प्रदेश को संयुक्त प्रान्त के नाम से जाना गया। 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ। इससे 02 दिन पूर्व 24 जनवरी, 1950 को एक नोटिफिकेशन के माध्यम से संयुक्त प्रान्त का नाम परिवर्तित कर उत्तर प्रदेश किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च, 2017 में हमारी सरकार का गठन हुआ। उस समय प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने प्रधानमंत्री जी के विजन को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के आयोजन की बात की थी। 24 जनवरी, 2018 को पहले उत्तर प्रदेश दिवस समारोह को भव्यता और दिव्यता से आयोजित किया गया। जब प्रदेश सरकार ने राज्य की विरासत को प्रोत्साहन दिया और उसे केन्द्र सरकार का संरक्षण मिला, तो आज उत्तर प्रदेश देश व दुनिया में अपना विशिष्ट स्थान बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में अपने प्रथम उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ का शुभारम्भ किया था। आज यह योजना उत्तर प्रदेश को नई पहचान दिला रही है। पहले उत्तर प्रदेश से कुल 86 हजार करोड़ रुपये का निर्यात होता था। ODOP क्षेत्र को प्रोत्साहित करने, ब्राण्डिंग करने, इसे मार्केट से जोड़ने तथा नये डिजाइन और तकनीक उपलब्ध कराने के परिणामस्वरूप आज ODOP और अन्य उत्पादों के माध्यम से लगभग 02 लाख करोड़ रुपये का निर्यात अकेले उत्तर प्रदेश कर रहा है। सितम्बर, 2023 में ग्रेटर नोएडा में आयोजित इण्टरनेशनल ट्रेड शो में ODOP ने एक नई पहचान स्थापित की। दुनिया के 500 से अधिक बायर्स इस ट्रेड शो में आये और उन्होंने उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल को देखा तथा अपने ऑर्डर दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 के द्वितीय उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने अपने परम्परागत हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना को आगे बढ़ाया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करते हुए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहित किया। इस कार्यक्रम में उन्हें ट्रेनिंग दी गयी, सस्ते ब्याज पर ऋण तथा टूलकिट उपलब्ध कराये गये।ODOP योजना प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार कर रही है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना आज पीएम विश्वकर्मा के रूप में देश भर के हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए नया मंच बन गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार ने युवाओं के लिए मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप स्कीम को लागू किया। आज लाखों की संख्या में युवा इस योजना से जुड़ रहे हैं। स्थापना दिवस का कार्यक्रम केवल एक आयोजन मात्र नहीं होता, बल्कि हमने अपने अतीत से जो कुछ सीखा है और अपने वर्तमान को अच्छा बनाने की कार्ययोजना को आगे बढ़ाने के लिए हम जो कुछ करने जा रहे हैं, इसका अवसर भी होता है। उत्तर प्रदेश ने इस दौरान हर क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत उत्तर प्रदेश से होकर बहती है। उत्तर प्रदेश पर सदैव प्रकृति और परमात्मा की कृपा रही है। यहां प्राकृतिक संसाधन और दुनिया की सबसे उर्वरा भूमि है। यहां के युवाओं में ऊर्जा और प्रतिभा है। बावजूद इसके उत्तर प्रदेश को सदैव प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा जाता था। उत्तर प्रदेश के सामने पहचान का संकट था। हमारी सरकार बनने से पूर्व प्रदेश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। वर्ष 2017 में हमारी सरकार बनने के बाद सुरक्षा का बेहतर वातावरण दिया गया, जिसके परिणाम हमारे सामने हैं। आज उत्तर प्रदेश के नौजवानों, उद्यमियों तथा व्यापारियों के सामने पहचान का संकट नहीं है। इस दौरान प्रदेश ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का नया संजाल स्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे यहां बेहतर रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित बेहतर एयर कनेक्टिविटी है। राज्य में इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी से हल्दिया के मध्य इनलैण्ड वॉटर-वे को प्रारम्भ कर राज्य को लैण्ड लॉक्ड स्टेट की छवि से उबारा है। आज यह सफलतापूर्वक संचालित है। प्रदेश में इनलैण्ड वॉटर-वे अथॉरिटी का गठन किया गया है। कृषि तथा MSME के क्षेत्र में प्रदेश के किसानों, उद्यमियों तथा युवाओं ने अच्छा कार्य किया है। MSME विभाग बेहतर प्रयास कर रहा है। अभी यह शुरुआत है। इसे और तेजी के साथ आगे बढ़ाने का समय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश की 02 विभूतियों इसरो की वैज्ञानिक डॉ0 रितु करिधल श्रीवास्तव तथा उद्यमी श्री नवीन तिवारी को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान दिया गया है। इन्होंने अपने क्षेत्र में जो कार्य किया है, वह करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इसके अलावा, आज विभिन्न पुरस्कारों से उद्यमियों, हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों को सम्मानित किया गया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने आज समूह गायन में समृद्धि तिवारी और प्रसिद्धि तिवारी को प्रशस्ति पत्र से नवाजा, जबकि वांसुरी में अथर्व प्रताप सिंह, सुगम संगीत में यजुर प्रताप सिंह को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया । यह चारों बच्चे प्रथम पुरस्कार विजेता बने, और मुख्यमंत्री ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। आपको बता दें ये चारों बच्चे के एक ही क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं गायन और संगीत में इनको प्रेरणा उनके माता-पिता से ही मिलती है।
मुख्यमंत्री जी ने सभी से ODOP की प्रदर्शनी देखने की अपील करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी आज से 10 फरवरी, 2024 तक चलेगी।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अथक परिश्रम और ईमानदारी से देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश का पर्सेप्शन बदला है। उत्तर प्रदेश के आम नागरिक का सम्मान हर जगह हो रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश का वित्तीय अनुशासन बना रहा है। मुख्यमंत्री राज्य में सुशासन की स्थापना करने में सक्षम हुए हैं। विकास का पहिया बहुत तेजी से घूम रहा है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में सुदृढ़ कानून-व्यवस्था का निर्माण कर विकास कार्यां तथा जनकल्याणकारी योजनाओं को पारदर्शिता, ईमानदारी व गुणवत्ता के साथ धरातल पर उतारा जा रहा है। उत्तर प्रदेश भारतीय संस्कृति का पुरोधा रहा है। आज प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में लगातार ऊँची उड़ान भर रहा है।
इस अवसर पर परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)दया शंकर सिंह, विधायक नीरज बोरा, राजेश्वर सिंह, जयदेवी, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, मोहसिन रजा, लालजी प्रसाद निर्मल, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव MSME अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम, सूचना निदेशक शिशिर सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।