भारत को आज भी सुभाष की जरुरत है…
उदय राज ब्यूरो चीफ
डी डी इंडिया न्यूज
आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत लखनऊ उत्तर विधानसभा क्षेत्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
अलीगंज स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महाविद्यालय में कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर आजादी के रणबांकुरों का नमन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध के प्रांत प्रचारक कौशल किशोर एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। क्षेत्रीय विधायक डॉ. नीरज बोरा ने सभी का स्वागत किया।
स्माइलमैन सर्वेश अस्थाना के संचालन व वीर रस के प्रख्यात कवि आशीष अनल की अध्यक्षता में बुलंदशहर से पधारीं प्रख्यात कवियत्री रंजना शुक्ला ने वाणी वंदना कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया।
हास्य कवि मुकुल महान ने जिसे प्रेम तुम समझ रहे हो हो सकता है/वह धोखा है/बाहर मोतीचूर का लड्डू/भीतर बाटी चोखा है.. सुनाया।
ओज के राष्ट्रीय कवि डॉ. अर्जुन सिसौदिया ने देशभक्ति से ओतप्रोत रचनाएं सुनाकर जनता में राष्ट्रवाद का भाव भरा। उनकी रचना देश को जरूरत पड़े़गी खून की जो/अल्हड़़ सी यही नौजवानी काम आएगी… सुनाकर युवा भारत में जोश भरा। उन्होंने संसद हमले में शहीद हुए सैनिकों को भी काव्य प्रसून अर्पित किए। भारत को कल भी सुभाष की जरूरत थी/भारत को आज भी सुभाष की जरूरत है… जैसी पंक्तियों के साथ ही भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के शौर्य को नमन किया।
हास्य कवि राजेंन्द्र पंडित की रचनाओं ने लोगों को खूब गुदगुदाया।
रंजना शुक्ला ने गांव से आये शहर के हो नहीं पाये/रास्तों में खो गये अनगिनत साये… सुनाकर शहरीकरण व उनसे जुड़ी विसंगतियों पर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. अनुराधा तिवारी ने काव्य पाठ के साथ ही आगन्तुकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर समाजसेविका बिन्दू बोरा, डा. एस.के.गोपाल, डॉ. विवेक सिंह तोमर, शैलेन्द्र शर्मा अटल, लवकुश त्रिवेदी, राकेश पांडेय, राजीव मेहरोत्रा, पृथ्वी गुप्ता, प्रदीप शुक्ल, सुदर्शन कटियार, अवनीश सिंह डबलू, सुनील सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।