दैनिक इंडिया न्यूज, लखनऊ।
अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) लखनऊ केंद्र के अध्यक्ष, परमपूज्य श्री अपरिमेय श्याम दास जी, और राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जितेंद्र प्रताप सिंह के बीच पूर्व निर्धारित समयानुसार एक सद्भावना मुलाकात संपन्न हुई। इस अवसर पर विजयादशमी की शुभकामनाओं के आदान-प्रदान के साथ विभिन्न आध्यात्मिक और सामाजिक विषयों पर गहन चर्चा हुई।
चर्चा के दौरान, जितेंद्र प्रताप सिंह ने धर्माचार, लोकाचार और शास्त्राचार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार ये तत्व समाज में अनुशासन और सदाचार की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके प्रत्युत्तर में, अपरिमेय श्याम दास जी ने प्रेम, भक्ति, गुरु और परमब्रह्म के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भक्ति मार्ग पर समर्पण भाव से गुरु के निर्देशन में ही प्रभु का सानिध्य प्राप्त किया जा सकता है, और कर्म के फलों को स्वीकारते हुए भी आध्यात्मिक प्रगति संभव है।
अपरिमेय श्याम दास जी ने एकादशी व्रत के पालन और सनातन परंपराओं के संदर्भ में अन्न त्याग के महत्व को भी स्पष्ट किया। उन्होंने समझाया कि भक्ति मार्ग पर चलते हुए कैसे व्यक्ति अपने जीवन को साधना और समर्पण से सुसज्जित कर सकता है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर जितेंद्र प्रताप सिंह के साथ प्रशासनिक अभियंता राहुल पांडेय, सपरिवार, और वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने भी विमर्श में भाग लिया। इस्कॉन लखनऊ के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास जी ने जितेंद्र प्रताप सिंह और राहुल पांडेय को अपनी रचित पुस्तक ‘भक्ति: सनातन का आधार’ भेंट की। इसके साथ ही उन्होंने उन्हें रविवार को आयोजित होने वाले भगवद गीता के ज्ञान शिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया।
सार: इस मुलाकात ने सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों और समाज में उसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला, साथ ही इस्कॉन और राष्ट्रीय सनातन महासंघ के आपसी संबंधों को और भी सुदृढ़ किया।