उ.प्र. राज्य महिला आयोग की बैठक में महिलाओं की सुरक्षा पर सख्त निर्णय, कई नए नियम लागू

दैनिक इंडिया न्यूज,लखनऊ — उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह कदम महिलाओं की सुरक्षा और उनके कार्यस्थलों पर उत्पन्न होने वाले खतरों को कम करने के लिए उठाया गया है। हाल ही में हुई आयोग की बैठक में महिलाओं के सुरक्षा प्रावधानों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जो जिम, योगा सेंटर, शिक्षण संस्थान और बुटीक सेंटरों पर लागू होंगे।

जिम और योगा सेंटर के लिए नए निर्देश

  • महिला आयोग ने जिम और योगा सेंटरों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ कड़े नियम तय किए हैं:

जिम और योगा सेंटर में महिला ट्रेनर का होना अनिवार्य किया गया है।

इन स्थानों पर ट्रेनर्स और अन्य कर्मचारियों का सत्यापन आवश्यक होगा।

प्रवेश के समय प्रत्येक अभ्यर्थी का पहचान पत्र से सत्यापन और उसकी प्रति सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है।

जिम और योगा सेंटरों में सीसीटीवी कैमरे और डीवीआर का सक्रिय होना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

विद्यालय बसों और कोचिंग सेंटरों के लिए सुरक्षा प्रावधान

विद्यार्थियों, विशेषकर छात्राओं की सुरक्षा के लिए महिला आयोग ने विशेष निर्देश जारी किए हैं:

विद्यालय बसों में महिला सुरक्षाकर्मी या महिला टीचर की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

कोचिंग सेंटरों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना और वाशरूम की सुविधा अनिवार्य की गई है।

बुटीक और कपड़ों की दुकानों के लिए सख्त नियम

महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बुटीक और कपड़ों की दुकानों पर भी विशेष प्रावधान लागू किए गए हैं:

बुटीक सेंटरों में महिला टेलर का होना अनिवार्य किया गया है।

पुरुष दर्जियों को महिलाओं के कपड़ों की माप लेने की अनुमति नहीं होगी। अब महिलाओं के कपड़ों का माप केवल महिला कर्मचारी ही लेंगी।

शिक्षण संस्थानों पर बढ़ती निगरानी

महिला आयोग ने शिक्षण संस्थानों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं:

जनपद के सभी शिक्षण संस्थानों का सत्यापन कराया जाएगा, ताकि यहां पढ़ने वाली छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

नाट्य कला केंद्रों में महिला डांस टीचर का होना और सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्य स्थापना का निर्देश भी दिया गया है।

  • महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार को भेजा प्रस्ताव

इन सभी दिशा-निर्देशों के साथ ही उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें महिला सुरक्षा के लिए नई नीतियों को अपनाने और अधिक सख्त प्रावधान लागू करने का आग्रह किया गया है। आयोग का कहना है कि इन नियमों से महिलाओं को एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिल सकेगा, जो उनकी सुरक्षा और सशक्तिकरण में सहायक होगा।

जनता और प्रशासन में सकारात्मक प्रतिक्रिया

महिला आयोग के इन नए दिशा-निर्देशों को जनता और प्रशासन से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। लोग मानते हैं कि इस तरह के सख्त कदम महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देंगे और किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार या असुरक्षा की संभावना को कम करेंगे।

अब देखना यह है कि इन दिशा-निर्देशों का कितना प्रभावी तरीके से पालन होता है और प्रशासन किस तरह से इन नियमों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करता है।

राष्ट्रीय सनातन महासंघ ने यूपी महिला आयोग को इस नेक कार्य हेतु शुभकामनाएं देते हुये धन्यबाद दिया है।

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