दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ
उत्तर प्रदेश के प्रथम स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के ओजस्वी निदेशक श्री राधाकृष्ण धीमन जी के दिशा-निर्देश मे संस्थान नित नये चिकित्सीय नवाचार के साथ अग्रसर हो रहा है। आज पूर्व निर्धारित समयानुसार उनसे श्री जे पी सिंह, अध्यक्ष संस्कृतभारती न्यासअवधप्रान्त की भेंट हुई। संस्कृत और चिकित्सीय सामंजस्य की चर्चा से इतर हेपटोलाजी विभागाध्यक्ष व एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान सहित यहां के 13 विशेषज्ञों को अंतरराष्ट्रीय स्तरीय वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है। इन्होंने चिकित्सा के साथ शोध के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कार्य किया है। प्रोफेसर धीमन से चर्चा के मध्य ज्ञात हुआ कि वह अपने प्रशासनिक प्रबंधन व दायित्वों को पूर्ण करते हुए चिकित्सीय सलाह से विभाग मे पचास के लगभग रोगियों को परामर्श व उपचार प्रदान करते हुए समर्पण भाव से संलिप्त रहते हैं। वरिष्ठ चिकित्सक होने से कार्यपद्धति मे ओ पी डी,चिकित्सीय अनुसंधान , प्रशासनिक कार्यो, शिक्षण – प्रशिक्षण सहित संस्थान प्रबंधन मे प्रतिदिन 12 से 15 घंटे की व्यस्तता बनी रहती है। नये विभागों के सृजन के प्रति सजगता संस्थान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों से समालोकित करने के लिए संकल्पित रहना उनकी विशेषता है। विमर्श मे अवगत कराया कि उनका प्रयास है कि संस्थान मे शीघ्र ही फैमली मेडिसिन विभाग को भी प्रारंभ करने के लिए अपेक्षित प्रयास करेंगे।
श्री जे पी सिंह अध्यक्ष संस्कृतभारती न्यासअवधप्रान्त ने संस्थान की गतिविधियों से अवगत कराने हेतू प्रोफेसर धीमन जी को आभार व्यक्त कर संस्कृत वीथिका विषय पर समयाभाव के कारण पुन: शीघ्र भेंट करने का आश्वासन प्राप्त हुआ।