कुकरैल नदी में लौटा प्रवाह, अतिक्रमण मुक्त भूमि पर सौमित्र वन का विकास कार्य प्रारंभ

550 मीटर पाथ-वे, हरियाली, फसाड लाइट और किड्स जोन से सजेगा नया हरित क्षेत्र

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ, 19 जुलाई।
लंबे समय तक अतिक्रमण की मार झेलने वाली कुकरैल नदी अब एक बार फिर प्रवाहित होने लगी है। शुक्रवार को जिलाधिकारी विशाख जी. ने कुकरैल नदी के तट पर विकसित किए जा रहे सौमित्र वन क्षेत्र का निरीक्षण किया। यह हरित क्षेत्र लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) एवं नगर निगम के सहयोग से विकसित किया जा रहा है, जिसमें सौंदर्यीकरण और हरियाली का विशेष ध्यान रखा गया है।

जिलाधिकारी के साथ उपस्थित एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जानकारी दी कि नदी के किनारे कब्जामुक्त कराई गई 24.7 एकड़ भूमि में से 14 एकड़ क्षेत्र पर सौमित्र वन विकसित किया जा रहा है। इस वन क्षेत्र में पार्क, किड्स ज़ोन, लॉन, ग्रीन एरिया और 550 मीटर लंबा पाथ-वे बनाया जाएगा। साथ ही हार्टिकल्चर, लैंडस्केपिंग और डेकोरेटिव लाइटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है।

वन क्षेत्र की सुंदरता को निखारने हेतु हाईमास्ट और फसाड लाइटें लगाई जा रही हैं। पौधों की नियमित सिंचाई के लिए पूरे क्षेत्र में अंडरग्राउंड पाइपलाइन और पॉप-अप स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया गया है, जिससे पर्यावरण संतुलन और हरियाली को बनाए रखना आसान होगा।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि कुकरैल नदी के दोनों किनारों पर पौधारोपण और पाथ-वे का समुचित विकास किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि नदी के एक किनारे पर लखनऊ विकास प्राधिकरण और दूसरे किनारे पर नगर निगम कार्य करेंगे तथा दोनों विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर समान डिज़ाइन व गुणवत्ता के साथ काम सुनिश्चित करें, ताकि नदी के दोनों ओर एकरूपता और समरसता बनी रहे।

इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी ने नदी किनारे बोल्डर एवं स्टोन पिचिंग का कार्य कराने के निर्देश भी दिए, ताकि तटों का क्षरण रोका जा सके और पर्यावरणीय सुरक्षा बनी रहे।

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