कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि द्वारा दीपोत्सव एवं परिवार मिलन समारोह का आयोजन

दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रताप नगर, लखनऊ पूर्व भाग की कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि के द्वारा कार्तिक कृष्ण षष्ठी (12 अक्टूबर 2025, रविवार) को अटल पार्क, सेक्टर-6, विकास नगर में ‘दीपोत्सव एवं परिवार मिलन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पारंपरिक उत्सव में परिवारों ने एकजुट होकर सांस्कृतिक गतिविधियों और प्रतियोगिताओं के माध्यम से भारतीय संस्कृति का उत्सव मनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत सत्र से हुआ, जिसमें विभिन्न परिवारों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय सेविका समिति की प्रांत कार्यवाहिका यशोधरा जी, लखनऊ पूर्व भाग के कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि के सह संयोजक सुनील खरे जी, प्रताप नगर के माननीय नगर संघचालक कैलाश चंद्र शाह जी उपस्थित रहे। साथ ही सह नगर कार्यवाह धर्मेंद्र जी सहित अन्य कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक, माताएं-बहनें और बच्चे उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन लखनऊ पूर्व भाग युवा आयाम प्रमुख दीपिका पुजारी जी ने कुशलतापूर्वक किया।
इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्साहजनक भागीदारी रही। प्रत्येक परिवार से ₹100 का योगदान सहभागिता शुल्क के रूप में लिया गया, तथा पंजीकरण अनिवार्य होने से व्यवस्थित आयोजन संभव हुआ। प्रतियोगियों ने दीपोत्सव में टाइट गूंथा हुआ आटा, तेल और रुई की गोल बत्ती लेकर दियों का निर्माण किया, जो पर्यावरण अनुकूल और पारंपरिक तरीके को दर्शाता था।

प्रतियोगिताओं के विजेता:

  • संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता: प्रथम – गिन्नी, द्वितीय – श्रुत, तृतीय – श्रीजल
  • सांस्कृतिक परिधान प्रदर्शन प्रतियोगिता (पौराणिक कथाओं के पात्रों की वेशभूषा): प्रथम – श्रद्धा राधारानी के रूप में रहीं।

अन्य गतिविधियों में रंगोली प्रतियोगिता और कुटुम्ब खेल भी आयोजित हुए, जिनमें परिवारों ने रचनात्मकता और एकता का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का समापन भारतमाता की भावपूर्ण आरती से हुआ, उसके पश्चात प्रसाद स्वरूप अल्पाहार वितरित किया गया।

यह आयोजन न केवल परिवारों के बीच बंधन मजबूत करने का माध्यम बना, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रचार में भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ। आरएसएस की कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि के माध्यम से ऐसे कार्यक्रम निरंतर आयोजित हो रहे हैं, जो समाज को एकजुट करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। संघ स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर स्वयंसेवकों द्वारा समाज में परिवर्तन के लिए पंच प्रण लिए हैं, जिनमें कुटुंब प्रबोधन सबसे महत्वपूर्ण है। इसके साथ सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य पालन और स्व-अधारित जीवन शैली भी है।

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