दैनिक इंडिया न्यूज़ 8 अगस्त 2024 लखनऊ: लखनऊ के एक व्यापारी, जिनका नाम इस खबर में रोहन के रूप में दर्शाया गया है, ने जस्ट डायल के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। रोहन ने बताया कि उनका ड्राइविंग स्कूल किसी कारणवश बंद हो गया था, और जब उन्होंने इसे फिर से शुरू करने का सोचा, तो जस्ट डायल के एक प्रतिनिधि, महेंद्र सिंह थापा, ने उन्हें फोन किया। थापा ने उनकी कंपनी के साथ लिस्टिंग के लिए 1780 रुपये जमा करने को कहा और वादा किया कि इससे उन्हें बहुत सारा व्यवसाय मिलेगा।
हालांकि, थापा ने फोन उठाना बंद कर दिया और अतिरिक्त 1500 रुपये भी लिए, साथ ही उनके बैंक खाते से प्रभावी मेंडेट लगा दिया, जिसके परिणामस्वरूप जस्ट डायल की वजह से बैंक बाउन्स चार्जेस के नाम पर अब तक लगभग 3500 रुपये वसूल किए गए। जब रोहन ने दिल्ली से राहुल जी के संपर्क किया, तो उन्होंने साल भर के लिए 60,80 रुपये का पैकेज ऑफर किया, लेकिन यह भी धोखा साबित हुआ। राहुल ने लगभग 27000 रुपये का पैकेज 6080 रुपये में देने की पेशकश की, और जब व्यापारी ने समझा कि यहां धोखा हो सकता है, तो उन्होंने व्हाट्सएप कॉल रिकॉर्ड किया। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस स्थिति के कारण लखनऊ के व्यापारियों में जस्ट डायल को लेकर भय व्याप्त है और जस्ट डायल के साथ किसी भी लेवल का फ्रॉड होने का डर बना हुआ है।
लखनऊ के इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉक्टर मोहम्मद हुदा ने भी जस्ट डायल से संबंधित एक घटना का उल्लेख किया। उन्होंने जस्ट डायल से एक ड्राइविंग स्कूल का नंबर खोजा और पूरी फीस जमा करने के बाद, गायब हो गए।जो ड्राइविंग स्कूल की सेवा मिलने वाली थी, उनका परमानेंट फोन स्विच ऑफ था। जब उन्होंने जस्ट डायल पर दिए गए एड्रेस को चेक किया, तो वहां कोई ड्राइविंग स्कूल नहीं मिला। इस तरह की घटनाएँ जस्ट डायल जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से हो रही हैं।
लखनऊ के खुर्रम नगर के निवासी जैनुल हक ने भी जस्ट डायल से खराब अनुभव साझा किया। उन्होंने एसी फ्रिज के काम के प्रमोशन के लिए जस्ट डायल को 1 साल का पैकेज लिया, लेकिन एक भी लीड नहीं मिली। जब उन्होंने कस्टमर से संपर्क किया, तो कस्टमर ने कहा कि उन्होंने कहीं और से सर्विस ले ली है। जैनुल हक का कहना है कि उनका अनुभव जस्ट डायल के प्रति बहुत खराब रहा है।
लखनऊ के त्रिवेणी नगर की निवासी सीता सिंह ने भी जस्ट डायल के माध्यम से एक ड्राइविंग स्कूल को खोजा। उन्होंने 10 दिन का कोर्स कराया, लेकिन जब ड्राइविंग नहीं आई, तो ड्राइविंग स्कूल ने उन्हें फिर से कोर्स करने को कहा। फिर भी जब ड्राइविंग नहीं आई, तो ड्राइविंग स्कूल ने कहा कि आप गाड़ी लेकर निकल जाएँ, चलाने से सीख जाएगी। सीता सिंह ने घर से गाड़ी लेकर निकली और उनका एक्सीडेंट हो गया। जब उन्होंने ड्राइविंग स्कूल का पता लगाया, तो जस्ट डायल द्वारा दिए गए एड्रेस पर कोई ड्राइविंग स्कूल नहीं था।
जस्ट डायल द्वारा गलत सलाह और लिस्टिंग करने के कारण ग्राहकों में विश्वास का अभाव हो रहा है, जिससे जेनुइन बिजनेस करने वाले भी परेशान और व्यथित हैं। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, रोहन और अन्य प्रभावित व्यापारी इस मुद्दे को मीडिया के माध्यम से सरकार के सामने उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका आग्रह है कि इस तरह के विज्ञापन एजेंसियों के लिए सख्त कानून बनाए जाएँ ताकि ग्राहकों और व्यापारियों के हितों की रक्षा की जा सके।
इस कहानी से स्पष्ट होता है कि जस्ट डायल जैसी कंपनियाँ ग्राहकों को ठगने से बाज नहीं आ रही हैं। यह सभी व्यापारियों और आम नागरिकों के लिए एक चेतावनी है कि वे किसी भी ऑनलाइन विज्ञापन या सेवा के लिए सतर्क रहें। जस्ट डायल के प्रति इन अनुभवों के आधार पर, लोगों को सावधान रहना चाहिए और किसी भी सेवा या विज्ञापन के लिए पूरी जांच पड़ताल करनी चाहिए।