सुरेंद्र शर्मा दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ।तिनहरी । कुछ समय पहले की घटना मऊ जनपद के मधुबन तहसील अन्तर्गत तिनहरी ग्राम की है । तिनहरी ग्राम में आराजी न ॰ 48 व 175 तीन भाइयों का , राजेन्द्र , स्व० राम प्रसाद व शिवप्रसाद पुत्र स्व० राम बदन का है । शिवप्रसाद पुत्र स्व० राम बदन नें इन दोनों नम्बरों के बावत एक वाद न्यायालय श्रीमान् सिविल जज जू ० डि ० के यहाँ 547 / 1993 शिवप्रसाद बनाम् केशरी आदि दाखिल किया । उक्त वाद में वादी व प्रतिवादीगण दोनों को आदेशित किया गया है कि दोनों आ ० न० 48 व 175 में यथास्थिति उभय पक्ष बनाये रखेंगे । उपरोक्त वाद में वादी शिवप्रसाद नें एक नक्शा – नजरी भी दाखिल किया है जिसमें यह उल्लिखित किया है कि उक्त दोनों नंबरों में वादी शिव प्रसाद का हिस्सा उत्तर तरफ व स्व॰ रामप्रसाद का हिस्सा बीच में तथा राजेंद्र का हिस्सा दक्षिण तरफ है और इस कथन के बाबत शपथ – पत्र भी दाखिल किया है । उक्त मुकदमे में कमीशन की रिपोर्ट भी दाखिल है तब से आज तक उपरोक्त दोनों नंबरों में निषेधाज्ञा का आदेश चलता चला आ रहा है । इन्हीं नंबरों के बाबत वादी शिवप्रसाद ने एक नया मुकदमा बटवारा का 30 (2) के अंतर्गत न्यायालय श्रीमान जिलाधिकारी मऊ जनपद – मऊ के यहाँ शिव प्रसाद बनाम राजेंद्र आदि दाखिल किया जिसमें यह उल्लेख किया कि अभी हम लोगों के बीच कोई बंटवारा नहीं हुआ है और आराजी नंबर 48 व आराजी नंम्बर 75 का बंटवारा कर दिया जाय जिसके बावत भी शपथ – पत्र दाखिल किया । इस मुकदमे में भी निषेधाज्ञा का आदेश न्यायालय श्रीमान सी ० आर० ओ० मऊ जनपद – मऊ के यहां से निर्गत है । यहाँ यह उल्लेख करने योग्य है कि या तो बंटवारा हुआ है सिविल कोर्ट मऊ में दाखिल वाद के अनुसार , सही है या तो बंटवारा नहीं हुआ है सी ० आर ० ओ० मऊ के यहाँ दाखिल मुकदमें के अनुसार । इसप्रकार न्यायालय श्रीमान को भी वादी शिवप्रसाद द्वारा गुमराह किया जा रहा है | निषेधाज्ञा आदेशों के बावजूद वादी शिव प्रसाद पैसे ले – ले करके कई प्रतिवादी गण के मकान बनवाते जा रहे हैं और इन नंबरों में मौंके की स्थिति बदलती जा रही हैं जो कि न्यायालय श्रीमान सिविल जज जूनियर डिवीजन मोहम्मदाबाद गोहना जनपद मऊ के आदेश की अवमानना है , खुला उल्लंघन है । उपरोक्त घटना की सूचना थानाध्यक्ष मधुवन जनपद मऊ को लिखित रूप में दिया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई कारवाई नहीं की गई है उपरोक्त नंबर में 62 लोग बैनामा लिए हैं । मौंके पर कभी भी शांति व्यवस्था भंग हो सकती है व कोई भी घटना घट सकती है लेकिन प्रशासन नहीं सुन रहा है । वही सूबे मुख्यमंत्री जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान दिलाते दिलाते थक जायेंगे, क्या अधिकारी को ध्यान देना चाहिए ये सवाल तो है?????
2023-02-16