दैनिक इंडिया न्यूज़ 11 अगस्त 2024 लखनऊ।बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से दलित हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में, वहाँ की स्थिति और भी विकट हो गई है, विशेषकर हिंदू महिलाओं के खिलाफ सामूहिक बलात्कार और अन्य अमानवीय अत्याचारों के मामलों में। यह घटनाएं एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन को दर्शाती हैं और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं।
बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की घटनाओं ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इन अत्याचारों में महिलाओं के साथ बर्बरता, बलात्कार और उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ किया गया है। इन घटनाओं ने हिंदू समाज के बीच दहशत और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। इस स्थिति को देखते हुए, दलित हिंदुओं ने ढाका में भगवा वस्त्र पहनकर और जय श्री राम के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन ने बांग्लादेश के उपद्रवी मुस्लिम नेताओं को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया, जो भगवा रंग से भयभीत हैं।
इस संकट के प्रति भारतीय नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठते हैं। प्रमुख नेता जैसे अखिलेश यादव, चंद्रशेखर रावण, मायावती और असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर मौन धारण किया है, जिससे उनके दलितों के प्रति कथित समर्थन पर संदेह उत्पन्न होता है।
इन परिस्थितियों में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश के हिंदुओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता और समर्थन प्रकट किया। उन्होंने एक 58 सेकंड का वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश के हिंदुओं को अपनी सहानुभूति और समर्थन प्रदान किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत उनके साथ खड़ा है और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
इस बीच, राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बांग्लादेश में हो रहे हिंदू मानवाधिकार उल्लंघनों पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने बांग्लादेश सरकार की निष्क्रियता और विदेशी ताकतों द्वारा भारत विरोधी अभियान को चुनौती देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व और हिंदू संस्कृति पर हो रहे आक्रमणों के प्रतिरोध के लिए सत्ता और विपक्ष को सामूहिक रूप से एकजुट हो कर प्रखर प्रत्युत्तर देना होगा।
यह समय है कि भारत और बांग्लादेश दोनों के नागरिक और नेताओं को एकजुट होकर बांग्लादेश में हो रहे हिंदू समुदाय के अत्याचारों का समाधान ढूंढना चाहिए। हिंदू महिलाओं के खिलाफ हो रहे सामूहिक बलात्कार और अन्य अमानवीय अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना और न्याय की मांग करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत के हिंदुओं को भी इस संकट के प्रति जागरूक होना चाहिए और बांग्लादेश में उनके भाइयों और बहनों की मदद के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।