भगवान राम के जन्म की दिव्य कथा: शिव पार्वती संवाद

दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ।श्री राम कथा के चौथे दिन, कथा वाचक श्री रामजी शास्त्री ने भक्तों को भगवान श्री राम के जन्म की दिव्य और अद्भुत कथा सुनाई। उन्होंने ने कहा कथा की शुरुआत महादेव भोलेनाथ द्वारा भगवान राम के जन्म की कथा सुनाने से हुई, जो भोले नाथ ने माता पार्वती को कैलाश पर्वत पर सुनाई थी। महादेव से माता ने पूछा प्रभु राम के जन्म के समय अयोध्या में कैसी दिव्य आभा और उल्लास का वातावरण बना था।

महादेव ने माता पार्वती को बताया कि श्री राम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ। उनके जन्म के साथ ही अयोध्या में अद्भुत प्रकाश और सुख का वातावरण बन गया। भगवान राम ने पृथ्वी पर अवतार लिया ताकि मानवता को धर्म, कर्तव्य और प्रेम का मार्ग दिखा सकें। उन्होंने कहा, “श्री राम केवल एक सामान्य मानव नहीं हैं, वे ब्रह्म के निराकार और साकार रूप के अद्वितीय उदाहरण हैं।”

भगवान शिव ने माता पार्वती को यह भी बताया कि श्री राम के जन्म के समय अयोध्या में एक दिव्य और अलौकिक आभा छाई थी। जैसे ही भगवान राम ने माता कौशल्या को अपने चतुर्भुज रूप में दर्शन दिए, श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। फिर भगवान राम ने अपना बाल रूप माता कौशल्या को दिखाया, जिसे देखकर माता ने उनसे निवेदन किया, “हे प्रभु, हमनें आपके दर्शन के लिए नैमिषारण्य में तप किया था, अब हमें आपके किलकारियां और मनमोहन रूप में दर्शन चाहिए।”

भगवान श्री राम ने माता के इस निवेदन को स्वीकार करते हुए, अपने मनोहर और अलंकारिक रूप में दर्शन दिए। यह दृश्य श्रद्धालुओं के हृदय में स्थायी रूप से बस गया। इस महान और दिव्य प्रसंग ने सभी भक्तों के मन में भगवान राम के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति उत्पन्न की।

कथा समाप्त होने के बाद, श्रद्धालुओं ने भगवान राम के जन्म के उपलक्ष्य में सोहर गीत “जुग जुग जिएं लालनवा” का सामूहिक रूप से गायन किया। यह गीत भगवान राम के जन्म की खुशी में गाया गया, जिसमें भक्तों ने भगवान के मंगलमूर्ति रूप और उनके आदर्शों का सम्मान किया।

गीत की धुन पर श्रद्धालु नृत्य करते हुए अपनी भक्ति और खुशी का इज़हार कर रहे थे। यह नृत्य और गीत ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे त्रेतायुग में भगवान राम का स्वागत हो रहा हो। पंडाल में जय श्री राम के नारे गूंज रहे थे, और पूरा वातावरण भक्ति और उल्लास से भर गया था।

सामूहिक रूप से गाए गए गीत “राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे” ने इस दिव्य वातावरण को और भी रंगीन बना दिया। श्रद्धालु नृत्य करते हुए भगवान राम के जन्म की खुशी में डूबे हुए थे। इस भावुक और आनंदित वातावरण में हर भक्त ने भगवान राम के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा व्यक्त की।

कथा के इस आयोजन में जन सेवा कल्याण समिति के अध्यक्ष आचार्य सत्येंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में श्रद्धालुओं को भगवान राम के जीवन के गूढ़ संदेशों से अवगत कराया गया। विशिष्ट अतिथियों में राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव हरिंद्र भार्गव, पार्षद शिवम उपाध्याय, वरिष्ठ भाजपा नेता दीपक तिवारी, महेंद्र प्रताप सिंह समेत कई मानस प्रेमी उपस्थित रहे।

सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में भाग लिया और दिव्य वातावरण का अनुभव किया। भगवान राम के जन्म की कथा, सोहर गीत, और नृत्य का यह उत्सव सभी के जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार करने वाला था। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने संकल्प लिया कि वे भगवान राम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएंगे और धर्म, सत्य और प्रेम के मार्ग पर चलने का प्रयास करेंगे।

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