मुख्यमंत्री का संबोधन: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण पर बल

दैनिक इंडिया न्यूज़ अयोध्या मुख्यमंत्री जी ने हाल ही में एक सभा में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जब बातचीत के सारे रास्ते बंद हो गए और तत्कालीन सरकार की हठधर्मिता आड़े आई, तब पूज्य संतों ने लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष का रास्ता चुना। इसके परिणामस्वरूप संपूर्ण देश में आंदोलन को मजबूती मिली और अयोध्या में भगवान रामलला के मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

मुख्यमंत्री ने पूज्य परमहंस दास जी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे उनके पूज्य गुरु तुल्य थे। जब वह प्रयागराज या लखनऊ जाते थे, तो उनके पूज्य गुरु अयोध्या जाकर परमहंस जी का हाल-चाल पूछते थे। परमहंस जी की दिव्यता और चमत्कारिकता को सभी नहीं समझ पाए, लेकिन उनमें अद्भुत नेतृत्व क्षमता, वात्सल्य भाव और सरलता थी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि परमहंस जी ने अपना जीवन सनातन धर्म के मूल्यों को मजबूती प्रदान करने के लिए समर्पित किया। उनके अंतिम संकल्प में अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बनाना शामिल था। यही संकल्प पूरे देश में एक दिशा में आगे बढ़ा और मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को गति मिली।

मुख्यमंत्री ने वर्तमान विश्व परिदृश्य पर भी चिंता जताई, जिसमें कई पड़ोसी देशों में अराजकता फैल रही है और हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इतिहास की गलतियों से सबक लेने की आवश्यकता है, ताकि समाज के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।

उन्होंने अयोध्या में किए गए विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला। नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात, फोरलेन सड़कों का निर्माण, और राम जी की पैड़ी के सुंदरीकरण जैसी योजनाओं की सराहना की। अयोध्या की बेहतर कनेक्टिविटी और पर्यटन सुविधाओं के कारण यहाँ आने वाले लोग अचंभित होते हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि निषादराज के नाम पर रैन बसेरों का निर्माण किया जा रहा है और महर्षि वाल्मीकि के नाम पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया गया है। माता शबरी रसोई में यात्रियों के लिए सुस्वादु व्यंजन तैयार किया जाता है, जो प्रभु श्री राम को बेर खिलाने की परंपरा को जीवित करता है।

अंत में, मुख्यमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे प्रभु राम के मार्गों और आदर्शों का अनुसरण करें और कथनी-करनी में एकता बनाए रखें।

इस अवसर पर दिगंबर अखाड़ा के पूज्य संत, कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री श्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक श्री वेद प्रकाश गुप्त, श्री अमित सिंह चैहान, श्री रामचंद्र यादव, और अन्य जनप्रतिनिधिगण और श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

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