यूपी सरकार ने राशन कार्ड सरेंडर व रिकवरी को लेकर स्थिति की साफ

ब्यूरो डेस्क दैनिक इंडिया न्यूज

अपात्रों से राशन कार्ड रिकवरी कराने की खबर के बाद यूपी सरकार को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा है। प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि उसने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है।

खाद्य एवं रसद आयुक्त सौसभ बाबू ने कहा है कि उनकी तरफ से अपात्रों से राशन कार्ड सरेंडर कराने या उनसे रिकवरी कराने के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। राशन कार्ड का सत्यापन एक नियमित प्रक्रिया है।

गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता या अपात्रता के संबंध में सात अक्तूबर, 2014 को शासनादेश जारी कर मानक निर्धारित किए गए थे जिनमें अभी कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी योजनांतर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटरसाइकिल स्वामी, मुर्गी पालन या गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है।

नियम के अनुसार, जिस व्यक्ति के नाम पर कम से कम 100 वर्गमीटर से अधिक का प्लॉट, मकान या फ्लैट है तो वह भी राशन कार्ड रखने के योग्य नहीं है।

एक नियम ये भी है कि जिस व्यक्ति के पास फोर-व्हीलर है, ट्रैक्टर या हार्वेस्टर है तो ऐसा व्यक्ति भी राशन कार्ड रखने का पात्र नहीं है। इसके अलावा जिस व्यक्ति के घर में एयर कंडीशनर है तो वह व्यक्ति राशन कार्ड रखने का पात्र नहीं है।

नियम के अनुसार, परिवार की आय भी राशन कार्ड रखने को लेकर पात्रता तय करती है। ग्रामीण क्षेत्र में जिस व्यक्ति के परिवार की आय दो लाख रुपये वार्षिक और शहरों में तीन लाख रुपये वार्षिक है तो वह व्यक्ति भी राशन कार्ड रखने का पात्र नहीं है।

जिस व्यक्ति के पास 5केवीए क्षमता का जनरेटर है या उसके घर में एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस है तो वह व्यक्ति भी राशन कार्ड रखने का अधिकारी नहीं है। जिस व्यक्ति के पास पांच एकड़ से ज्यादा सिंचाई योग्य भूमि है तो वह व्यक्ति भी राशन कार्ड रखने का पात्र नहीं है।

नहीं की जा सकती है वसूली

खाद्य आयुक्त के मुताबिक, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं है। इस संबंध में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि विभाग सदैव पात्र कार्ड धारकों को नियमानुसार उनकी पात्रता के अनुरूप नवीन राशनकार्ड जारी करता है। एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नए राशनकार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं।

कैसे पैदा हो गई भ्रम की स्थिति

अहम सवाल यह है कि प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर को लेकर आखिर यह भ्रम की स्थिति कैसे पैदा हो गई। विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों ने अपात्रों को राशन कार्ड सरेंडर करने और न करने की स्थिति में रिकवरी कराने के आदेश जारी कर दिए। जिलों में जगह-जगह मुनादी तक कराई गई। मीडिया और सोशल मीडिया में यह मुद्दा जोरों से उठा। इसका परिणाम यह रहा कि भ्रामक सूचनाओं के आधार पर लोग अपना राशन कार्ड निरस्त कराने के लिए आपूर्ति कार्यालयों के चक्कर काटने लगे। विपक्षी दल भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने लगे। इसके बाद सरकार को इस बाबत स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा।

Share it via Social Media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *