दैनिक इंडिया न्यूज़,15 अगस्त 2024, लखनऊ।राजभवन में 78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश के वरिष्ठतम सेना, प्रशासन, पुलिस के अधिकारी एवं सामाजिक संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों को आमंत्रित किया। इस अवसर पर संस्कृतभारतीन्यास के अध्यक्ष और राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह विशेष आमंत्रित थे। उन्होंने राज्यपाल के साथ स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया और इस अवसर को परम्परागत ढंग से मनाया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य, विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह, और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी इस समारोह में उपस्थित थे। इन नेताओं ने अन्य आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों से मिलकर स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की। समारोह में इन नेताओं की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया।
राजभवन के भव्य आयोजन में सभी आमंत्रित अतिथियों को विशेष रूप से जलपान की व्यवस्था की गई थी। इस आयोजन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी अतिथियों के साथ सहभागिता की, जिसमें राज्य के प्रमुख अधिकारी और समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिससे समाज के विकास में सरकार और समाजसेवी संगठनों के समन्वय का महत्व स्पष्ट हुआ।
समारोह स्थल को तिरंगे की अद्भुत सजावट से आलोकित किया गया था, जो देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक था। राजभवन परिसर में फूलों और रंगों से बनी अल्पना ने आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया। इस सजावट ने न केवल समारोह को सुंदर बनाया, बल्कि उपस्थित लोगों के मन में देशप्रेम की भावना भी जाग्रत की।
राजभवन के कर्मचारीगण भी इस आयोजन को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। उनकी कर्मठता और समर्पण ने समारोह को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हर ओर फैली पुष्प सज्जा ने समारोह के वातावरण को सुगंधित और मनोहारी बना दिया, जो इस आयोजन की सफलता का एक प्रमुख कारण था।
जितेन्द्र प्रताप सिंह ने इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों से व्यक्तिगत भेंट की और उन्हें 16 अगस्त से प्रारंभ होने वाले संस्कृत सप्ताह के महत्व और उसमें सहभागिता के बारे में जानकारी दी। संस्कृत के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज में इसके प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने इस अवसर को महत्वपूर्ण माना और सभी से इस सप्ताह में सक्रिय सहभागिता की अपील की।
समारोह का यह आयोजन, जहां एक ओर स्वतंत्रता दिवस की महत्वता को उजागर कर रहा था, वहीं दूसरी ओर समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और समन्वय को भी प्रोत्साहित कर रहा था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नेतृत्व में इस समारोह ने न केवल राजभवन बल्कि पूरे राज्य को एकता और राष्ट्रीय एकजुटता का संदेश दिया।