सिपाही रिश्वत लेते गिरफ्तार, निलंबित, दरोगा भी आरोपी

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। गाजीपुर थाने में तैनात एक सिपाही को एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। बिरयानी दुकानदार और उसके एक साथी को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों की भी भूमिका डील में रही थी।

डीसीपी ने आरोपी सिपाही को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। सिपाही ने धोखाधड़ी और धमकी के एक मुकदमे में दो लोगों का नाम हटाने के लिए रिश्वत मांगी थी। सूत्रों के अनुसार, सब इंस्पेक्टर मुन्ना सिंह के कहने पर सिपाही रिश्वत लेने गया था। इस मामले में मुन्ना सिंह को भी आरोपी बनाया गया है और उनकी तलाश की जा रही है। विभागीय कार्रवाई जल्द की जाएगी।

गाजीपुर थाने की इस्माइलगंज चौकी में तैनात सिपाही जावेद ने और विवेचक दरोगा मुन्ना सिंह ने मुलायमनगर निवासी अजीमुल रहमान मलिक से एक केस में दो लोगों का नाम हटाने के लिए 15 हजार रुपये की मांग की थी। अजीमुल की शिकायत पर एंटी करप्शन की ट्रैप टीम तैयार की गई। अजीमुल मंगलवार दोपहर सिपाही को रुपये देने पॉलीटेक्निक चौराहे पर पहुंचा, लेकिन सिपाही ने सीधे तौर पर रकम लेने से इनकार कर दिया। उसने रुपये बिरयानी दुकानदार कल्मान और उसके साथी जावेद को देने के लिए कहा। दुकानदार ने रुपये गल्ले में रखे और अलग से 15 हजार रुपये सिपाही को दिए। इस दौरान एंटी करप्शन की टीम ने तीनों को पकड़ लिया। टीम के पास आरोपियों की घूस मांगने की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है।

10-12 दिन पहले पॉलीटेक्निक चौराहे पर दैनिक इंडिया न्यूज़ के संपादक और इसी सिपाही के कुछ कार्यशाली शिकायत संपादक ने कमिश्नर के PRO से की थी। अगर तत्काल पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की होती, तो इस तरह की घटनाएं टल सकती थीं। दैनिक इंडिया न्यूज़ के माध्यम से हम उच्च अधिकारियों और सरकार से निवेदन करते हैं कि पुलिस विभाग और अन्य विभागों में एक ट्रेनिंग सेशन( अवेयरनेस प्रोग्राम) आयोजित किया जाए, जिसमें काउंसलिंग की जाये, घूस लेने या किसी पीड़ित को परेशान करने के दुष्परिणामों के बारे में समझाया जाए। इससे पुलिस की छवि बेहतर हो सकेगी और भविष्य में इस तरह की समस्याओं में कमी आएगी। आपको बताते चलें जो अच्छी छवि वाले पुलिसकर्मी है उन पर भी लोग भरोसा नहीं करते विभाग में ऐसे ऐसे पुलिस के अधिकारियों कर्मचारियों हैं जिसने किसी के पैसे का चाय नहीं दिया है उनको इस तरह की खबरों को पढ़ने के बाद उनको कितनी पीड़ा होती होगी इस बात को वही समझ पाएगा जो इमानदारी की आदत से ग्रसित होगा।

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