स्वतंत्रता दिवस पर सीएम योगी ने फहराया तिरंगा, कहा- ‘देश के विकास में हर नागरिक दे योगदान’

दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ:मुख्यमंत्री ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधान भवन के समक्ष ध्वजारोहण करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर राष्ट्रगान का वादन किया गया। मुख्यमंत्री ने सभी को पंचप्रण की शपथ दिलायी। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इसके अन्तर्गत प्रदेश के संस्कृति विभाग के कलाकारों द्वारा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की प्रस्तुति की गयी। समारोह में हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गयी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश पुलिस बल के 05 पुलिस अधिकारियों/कर्मियों श्री शैलेष पाण्डेय, विशाल विक्रम सिंह, विशाल सांगरी, मनोज कुमार तथा सुश्री शैलेष कुन्तल को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने तिरंगे गुब्बारे आसमान में छोड़े।

मुख्यमंत्री ने कीर्ति चक्र से अलंकृत मेजर अशोक कुमार सिंह, शौर्य चक्र से अलंकृत कर्नल भरत सिंह, मेजर अरुण कुमार पाण्डेय, ले0 कर्नल अमित मोहिन्द्रा, ब्रिगेडियर सै0 अली उस्मान के साथ-साथ शौर्य चक्र से अलंकृत शहीद कर्नल मुनींद्र नाथ राय, शहीद ले0 हरि सिंह बिष्ट, वीर चक्र से अलंकृत शहीद हवलदार कुंवर सिंह चौधरी, शहीद नायक राजा सिंह तथा शहीद एन0सी(ई) पुताली के परिजनों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 मार्च, 2021 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारम्भ गुजरात की साबरमती नदी के तट पर एक नए संकल्प, उत्साह तथा उमंग के साथ किया था। 75 सप्ताह के अनेक कार्यक्रमों से जुड़ा यह आयोजन अपने समापन की ओर है, वहीं आगामी 25 वर्षों के अमृतकाल की एक नई कार्ययोजना का भी आह्वान कर रहा है। 25 वर्षों के बाद जब देश आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब हमें कैसा भारत चाहिए। उस भारत के सपने को साकार करने के लिए नए भारत के संकल्प के साथ आज हम सभी स्वतंत्रता दिवस के पावन आयोजन के साथ जुड़े हैं।

अमृत काल का यह प्रथम वर्ष हम सबको आगामी 25 वर्षों की कार्य योजना के साथ जोड़ता है। जब 2047 में भारत अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब हम में से हर व्यक्ति गौरव की अनुभूति करेगा कि इन संकल्पों के निर्माण में वे भी किसी न किसी रूप में जुड़े थे। उस समय की पीढ़ी आगामी 100 वर्षों की कार्य योजना बनाएगी और दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में भारत को स्थापित करने के संकल्प के साथ जुड़ेगी। इसी से हजारों वर्षों की भारत की यह यात्रा आगामी हजार वर्षों की कार्य योजना के साथ आगे बढ़ पाएगी, इसमें कोई संदेह नहीं हैं। हर घर तिरंगा कार्यक्रम के माध्यम से आज उत्तर प्रदेश के करोड़ों घरों में तिरंगा अपनी आन-बान-शान के साथ लहराता दिखाई दे रहा है। भारत के गौरव का प्रतीक तिरंगा देश के वीर शहीदों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर सभी को प्रदान कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां प्रदेश के संस्कृति विभाग के द्वारा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की थीम पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के अन्य क्षेत्रों से आए कलाकारों ने प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प के साथ जुड़ते हुए लघु झांकी प्रस्तुत की। इसे वास्तविक और व्यवहारिक धरातल पर उतारने के लिए हम सभी को जुड़ना होगा। देश की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान देने वाले वीरों के परिजनों तथा विभिन्न युद्धों में अपनी वीरता का परिचय देने वाले वीरों का आज यहां सम्मान किया गया है। इस प्रकार के आयोजन आज पूरे देश में हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों की 58 हजार ग्राम पंचायतों तथा 762 नगर निकायों में यह आयोजन सम्पन्न हो रहे हैं। हर व्यक्ति के मन में यह अनुभूति है कि यदि उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया तो हमारी भावी पीढ़ी उनका सम्मान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सब नए भारत का दर्शन कर रहे हैं। हमारे संस्कार हमें सदैव से ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ के भाव से जोड़ते रहे हैं। हमने कभी भी धरती को जमीन का टुकड़ा ही नहीं माना बल्कि, धरती को अपनी मां के रूप में सम्मान दिया है। इस रूप में धरती के प्रति जो भी अभीष्ट है तथा जो कुछ भी अच्छा है, वह कर गुजरने की तमन्ना के साथ हर भारतवासी कार्य करता है। यही कारण है कि हजारों-हजार वर्ष की इस विरासत पर हम गौरव की अनुभूति करते हैं, इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में हर भारतवासी को गौरव की अनुभूति होती है।
यही कारण है कि भारत में अनेकता में एकता के दर्शन होते हैं। रूप, रंग, वेश-भूषा, खान-पान सब कुछ अलग होते हुए भी भारत और अपनी मातृभूमि के प्रति हमारी भाव-भंगिमाएं एक जैसी हैं। कोई हमें अलग नहीं कर सकता है। भारतवासी उत्तर का हो या दक्षिण का, वह पूरब का हो या पश्चिम का, वह किसी भी जाति, मत, मजहब अथवा उपासना पद्धति का हो, वह सबसे पहले भारत माता को सर्वोपरि मानकर कार्य करता है। इसी भाव के साथ जब तमिलनाडु में जन्मा एक जवान भारत की उत्तर सीमा की रक्षा करते हुए बलिदान होता है, तो उसे गौरव की अनुभूति होती है। देश के किसी भी कोने में कोई भी उपद्रव होने पर भारत के किसी भी अन्य कोने का जवान उस उपद्रव को समाप्त करने के लिए अपना बलिदान देने में कोई संकोच नहीं करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्ष पहले केरल में जन्मे एक संन्यासी आदि शंकराचार्य ने भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना की। यह भारत की उस सांस्कृतिक एकता के दर्शन हम सबको कराता है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि हमें विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। विरासत की रक्षा करना हर भारतवासी का दायित्व है।

प्रधानमंत्री ने जिन पंचप्रण की बात की है, उसकी अंतर्निहित ताकत नागरिक कर्तव्य है, अर्थात जो व्यक्ति जिस क्षेत्र में है, वह अपने दायित्वों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अपनी आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। भारत जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। इन देशों में दुनिया की 65 फीसदी आबादी निवास करती है। दुनिया के 80 प्रतिशत संसाधनों, 85 प्रतिशत जी0डी0पी0 तथा 90 प्रतिशत से अधिक पेटेंट पर जी-20 के देशों का अधिकार है। दुनिया का हर विकसित देश इस समूह से जुड़ा है। यह हर भारतवासी के लिए गौरव की अनुभूति करने का अवसर है कि अमृत काल के प्रथम वर्ष में भारत प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जी-20 के देशों की अध्यक्षता कर रहा है।
पूरे देश में जी-20 से जुड़े अलग-अलग सम्मेलन आयोजित हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी जी-20 के 11 सम्मेलन प्रदेश की राजधानी लखनऊ, देश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी, आगरा तथा गौतमबुद्धनगर जनपद में आयोजित हो रहे हैं। जी-20 के माध्यम से भारत को वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा को बिखरने का अवसर मिला है। यह नया भारत हम सबको उस दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 09 वर्षों में भारत ने जो यात्रा प्रारंभ की है वह हर भारतवासी को विकसित भारत के संकल्प के साथ जोड़ती है। भारत ने इन्फ्रास्ट्रक्चर, आंतरिक सुरक्षा, वाह्य सुरक्षा, विरासत पर गौरव की अनुभूति करने, गरीब कल्याणकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। भारत की इस प्रगति के अनुरूप जिस राज्य की सर्वाधिक भूमिका हो सकती है वह राज्य उत्तर प्रदेश है। हमें गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि हम उत्तर प्रदेश के वासी हैं। हम भी भारत को दुनिया की एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा की विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जिस यात्रा को प्रारम्भ किया है, वह सबके सामने है। अब हमारे सामने पहचान का संकट नहीं है। देश की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश की जो पहचान होनी चाहिए, वह उसे मिल रही है। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हम उस उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, जहां भारत की आत्मा बसती है। इसके लिए परिश्रम की नई पराकाष्ठा के साथ आगे बढ़ना पड़ता है। ईमानदारी के साथ प्रक्रियाओं को जोड़कर कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जाता है। इसी का परिणाम आज हमें देखने को मिल रहा है। आज प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति से उत्तर प्रदेश का परसेप्शन बदला है। उत्तर प्रदेश में सुरक्षा का बेहतर माहौल देने के लिए पुलिस के वीर जवानों ने अपना योगदान दिया है। प्रदेश की सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के साथ किसी को खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी गयी है। उन्होंने कर्तव्यपालन में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा के बेहतरीन वातावरण के कारण प्रदेश निवेश का बेहतरीन गंतव्य बना है। विगत 10 से 12 फरवरी 2023 के बीच प्रदेश में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से लगभग 36 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जब यह प्रस्ताव जमीनी धरातल पर उतरेंगे, तब यह 01 करोड़ नौजवानों को रोजगार व नौकरी की गारंटी भी देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नौजवान को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए 02 करोड़ युवाओं को टैबलेट एवं स्मार्टफोन वितरण की कार्यवाही युद्ध स्तर पर चल रही है। प्रदेश के नौजवानों को प्रशिक्षण तथा स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रमों से जोड़ा जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया को ईमानदारी, पारदर्शिता तथा शुचितापूर्ण तरीके से लागू करके प्रदेश के नौजवानों के लिए रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए देश व दुनिया के बड़े निवेशक उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इसका एक उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति का परिणाम है कि प्रदेश के प्रमुख धर्म स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। काशी एक नई काशी के रूप में दुनिया को आकर्षित कर रही है। गत वर्ष वाराणसी में 10 करोड़ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आए। यहां देश व दुनिया में सर्वाधिक श्रद्धालुओं की संख्या का एक नया रिकॉर्ड बना है।

ब्रज क्षेत्र में लगभग 06 से 07 करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु पवित्र स्थलों का दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। पर्यटन के नए गंतव्य के रूप में प्रदेश के इन स्थलों ने अपनी पहचान बनाई है। दुनिया में एक नई आशा के साथ उत्तर प्रदेश आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। आज उत्तर प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में हुए विकास कार्यों ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।
वर्ष 2019 के प्रयागराज कुम्भ से प्रारम्भ हुई यह यात्रा श्री काशी विश्वनाथ धाम, बृज क्षेत्र, विंध्यवासिनी धाम तथा हेरिटेज एवं ईको-टूरिज्म के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। प्रदेश हर क्षेत्र में प्रगति की ओर आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। यह राज्य में रोजगार की संभावनाओं को भी आगे बढ़ा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टेट के रूप में जाना जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में 05 एक्सप्रेस-वे क्रियाशील हैं। यह उत्तर प्रदेश में बेहतर विकास को नई गति दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश की इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है। एयर कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है। हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई जहाज की यात्रा कर सकें। प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प को आगे बढ़ाने में उत्तर प्रदेश ने अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया है। प्रदेश में वर्ष 2017 में दो एयरपोर्ट कियाशील थे, आज इसी प्रदेश में 09 एयरपोर्ट हैं। इस वर्ष के अंत तक उत्तर प्रदेश 05 अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे वाला देश का अग्रणी राज्य बनेगा। अयोध्या में अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन है। गौतमबुद्धनगर के जेवर में एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 नए डोमेस्टिक एयरपोर्ट के लिए प्रदेश कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश एक लैण्डलॉक्ड स्टेट है, लेकिन भारत सरकार के सहयोग से इनलैण्ड वॉटर-वे की दिशा में देश का पहला वॉटर-वे वाराणसी से हल्दिया के बीच प्रारम्भ हो चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार ने वॉटर-वे की सम्भावनाओं को गति देते हुए प्रदेश में इनलैण्ड वॉटर-वे अथॉरिटी के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। इसके लिए भारत सरकार के साथ मिलकर नदियों को चैनलाइज करने या ड्रेनेज के माध्यम से जलमार्ग की सुविधा विकसित करने के कार्य आगे बढ़ाये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि बाहुल्य राज्य है। यह राज्य में सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र था, लेकिन उपेक्षा के कारण धीरे-धीरे कृषि से लोग पलायन करने लगे थे। किसानों को समृद्धशाली बनाने के लिए प्रदेश में खेती से पलायन कर रहे किसानों को विगत 06 वर्षां में अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से फिर से खेती-बाड़ी के साथ जोड़ा गया है। स्वॉयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को प्रदेश में लागू किया गया है।

वर्ष 2017 के बाद प्रदेश सरकार ने अन्नदाता किसानों के लिए प्रोक्योरमेंट नीति लागू की, उन्हें लागत का डेढ़ गुना एम0एस0पी0 उपलब्ध कराया गया। फसलों के विविधीकरण कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से उत्तर प्रदेश के 02 करोड़ 61 लाख किसानों के खातों में विगत 03 वर्षों में 59 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से अब तक 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की आपूर्ति को तेजी के साथ आगे बढ़ाया गया है। गत वर्ष प्रदेश के लगभग 14 लाख निजी ट्यूबवेल संचालित करने वाले किसानों को विद्युत बिल में 50 प्रतिशत की छूट उपलब्ध कराई गई थी। वर्तमान में प्रदेश में फीडर सेपरेशन की कार्रवाई चल रही है। सरकार बहुत शीघ्र निजी नलकूप संचालक अन्नदाता किसानों को निःशुल्क विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने का कार्य करने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। बेसिक शिक्षा परिषद के लगभग 01 करोड़ 91 लाख विद्यार्थियों को दो यूनिफॉर्म, पुस्तकें, जूते-मोजे तथा स्वेटर निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। विगत 06 वर्षों में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 60 लाख बढ़ी है। इन विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प, स्मार्ट क्लासेज, टॉयलेट तथा पेयजल की उपलब्धता के कार्यक्रम युद्ध स्तर पर आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय इसी सत्र से प्रारम्भ होने जा रहे हैं। अब एक श्रमिक का बेटा भी आधुनिक शिक्षा अर्जित करेगा। 18 अटल आवासीय विद्यालयों में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के साथ ही, कोविड कालखण्ड में अपने अभिभावकों तथा माता-पिता को खोने वाले बच्चों को भी इन विद्यालयों में प्रवेश से जोड़ा जाएगा। प्रदेश में माध्यमिक, उच्च, तकनीकी तथा व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने नई संभावनाओं को जन्म दिया है। यह अवसर है जब भारत एक बार फिर से दुनिया में एजुकेशन हब के रूप में स्थापित हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की गयी हैं। प्रदेश में पहले इंसेफेलाइटिस बीमारी से हजारों बच्चों की मृत्यु होती थी। विगत 06 वर्षों में हुए प्रयासों का परिणाम है कि इंसेफेलाइटिस बीमारी को 98 प्रतिशत तक नियंत्रित करने में उत्तर प्रदेश को सफलता प्राप्त हुई है। प्रदेश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से आगे बढ़ा है। ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’ की परिकल्पना साकार हो रही है। इस क्षेत्र में तेजी के साथ कार्य हो रहा है।
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर के माध्यम से हेल्थ टूरिज्म को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से 10 करोड़ लोगों को 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है। प्रदेश में 15 लाख बालिकाओं को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के साथ जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से 02 लाख बेटियों की शादी करने में प्रदेश सरकार को सफलता प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें नए भारत के साथ जुड़ना है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को वर्ष 2027 तक भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने का संकल्प दिया है। उत्तर प्रदेश में देश की आबादी का लगभग 5वां भाग निवास करता है। ऐसे में प्रदेश का दायित्व बड़ा है। उत्तर प्रदेश कृषि के क्षेत्र में इस दायित्व को अपने अन्नदाता किसानों के माध्यम से पूरा कर रहा है। उत्तर प्रदेश में देश की 11 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि है, इसी भूमि से राज्य देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 20 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादित करता है। इसे और बढ़ाने की सम्भावनाएं उत्तर प्रदेश में मौजूद है, जिस पर निरंतर कार्य हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जी0डी0पी0 तथा प्रति व्यक्ति आय को विगत 06 वर्षों में लगभग दुगना करने में सफलता प्राप्त हुई है, वह भी ऐसे समय में जब कोरोना महामारी हमारे सामने चुनौती के रूप में खड़ी थी। अगले 05 वर्षों में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को चार गुना करने का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में हम कार्य करेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र है, भारत में उत्तर प्रदेश सबसे युवा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश की 56 प्रतिशत आबादी कामकाजी है। इसके परिश्रम और पुरुषार्थ पर हमें गर्व की अनुभूति करनी होगी। इन्हें अवसर उपलब्ध कराना होगा। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश सरकार आगामी 05 वर्षों की एक व्यापक कार्य योजना को लेकर आगे बढ़ी हैं। भारत को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना है तो उत्तर प्रदेश को अपने आपको एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना होगा। इसके लिए विगत 06 वर्षों में प्रदेश सरकार ने संकल्प लिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आजादी के अमृत काल का यह प्रथम समारोह हमें इन संकल्प से जुड़ने का अवसर उपलब्ध करा रहा है। इनका रास्ता पंचप्रण है, जिसकी शपथ आज हम सभी ने ली है। हम सबको आज इन संकल्पों से जुड़ने का कार्य करना होगा। पंचप्रण में विकसित भारत का निर्माण, विरासत का सम्मान, गुलामी के हर अंश से मुक्ति तथा एकता और एकीकरण हम सब का संकल्प होना चाहिए। इन सभी की अंतर्निहित आत्मा है ‘हर नागरिक का कर्तव्य’। सभी नागरिक अपना कर्तव्य ईमानदारीपूर्वक करते हुए आगे बढ़े तो वर्ष 2027 में उत्तर प्रदेश 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है और भारत 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनते हुए दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अमृत कल के प्रथम वर्ष में नए संकल्पों के साथ जुड़कर एक समृद्ध और सुरक्षित उत्तर प्रदेश के निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया।
इस अवसर पर विधान परिषद सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, लखनऊ की मण्डलायुक्त , रोशन जैकब, सूचना निदेशक शिशिर, अपर सूचना निदेशक अंशुमान राम त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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